कंगारू मदर केयर (KMC) की सफलता की कहानियाँ
कंगारू मदर केयर तकनीक (KMC) की सफलता की कहानियाँ – The Success Stories of Kangaaroo Mother Care Technique
दोस्तों, इस लेख में हम आपके लिए लाए है, कुछ ऐसी सच्ची कहानियाँ, जिनमें कंगारू मदर केयर (KMC) तकनीक के उपयोग से समय से पहले जन्मे या कम वजन वाले नवजात की जान बचाई गई।
1 ट्रिपल लड़कियों को जीवन दान
25 अक्टूबर 2016, भारत के कोप्पल मे, सोमप्पा हड़प्पड़ की पत्नी रेणुका हड़प्पड़ ने तीन जुड़वां लड़कियों को जन्म दिया। वे पहले से ही दो लड़कियों के माता-पिता थे और अब उन्हें एक लड़के की आशा थी। तीन लड़कियाँ और होने से दोनों का दिल टूट गया था।
तीनों लड़कियाँ बहुत ही कमजोर थी और उनका वजन 1500 ग्राम से भी कम था। उनकी देखभाल करना, उनको गर्म रखने और उनका वजन बढ़ाने के लिए Extra Care की आवश्यकता थी।
कोप्पल का District Hospital, के क र्मचारी जो WHO (World Health Organization) के कंगारू मदर केयर (KMC) Program से जुड़े हुए थे, ने सोमप्पा हड़प्पड़ और उनकी पत्नी रेणुका को इसके लिए मनाया। तीनों लड़कियों को लगातार माँ और अस्पताल की टीम के साथ कपड़े में लपेट कर कंगारू मदर केयर (KMC) Therapy दी गई।
उन तीनों का नाम महादेवी, श्रृष्टि और लक्ष्मी रखा गया और 28 दिनों तक अस्पताल में कंगारू मदर केयर (KMC) तकनीक से देखभाल करने पर जब वे कुछ स्वस्थ हो गई तब उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल के खर्चे का भुगतान बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के द्वारा किया गया जो WHO के साथ मिलकर कंगारू मदर केयर तकनीक के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रहा है।
लेकिन अब भी उनका वजन 2500 ग्राम नहीं हुआ था। उन्हें घर पर भी तब तक (KMC) तकनीक से देखभाल की आवश्यकता थी जब तक की उनका वजन 2500 ग्राम या उससे कुछ ज्यादा ना हो जाए। तब सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम के मार्गदर्शन में सोमप्पा, उनकी पत्नी रेणुका और उनकी बहन ने मिलकर अगले चार महीने तक तीनों लड़कियों की KMC तकनीक से देखभाल की। जिससे तीनों लड़कियाओं की जान ही नहीं बची बल्कि उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ। और अन्तत: 7 मार्च 2017 को, तीनों लड़कियाओं ने 2500 ग्राम के वजन को पार कर लिया।
पहले जन्मदिन का उत्सव
30 अक्टूबर 2017 को कोप्पल जिला अस्पताल ने रेणुका और परिवार के लिए कर्नाटक सरकार, सेंट जॉन्स नेशनल एकेडमी ऑफ हेल्थ साइंसेज और कर्नाटक हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट के साथ एक जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया।
आज, रेणुका जिले की कंगारू मदर केयर चैंपियन हैं। वह अन्य माता-पिताओं को न केवल KMC तकनीक अपनाने,बल्कि बालिकाओं की देखभाल करने के लिए भी प्रेरित करती हैं।
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750 ग्राम वजन के नवजात को मिला नया जीवन
यह Stori है नाइजीरिया में जन्मी एक लड़की की जिसका जन्म गर्भावस्था के छठे महीने में ही हो गया था और उसका वजन सिर्फ 750 ग्राम था।
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