झगड़ालू बकरियाँ – Jhagdalu Bakriyan
शिक्षाप्रद लघु कहानियाँ – झगड़ालू बकरियाँ – Jhagdalu Bakriyan – The Quarrelsome Goats
दो गाँवों के बीच में से एक छोटी लेकिन गहरी नदी बहती थी। गाँव वालों ने नदी को पार करने के लिए नदी पर एक लट्ठ डाल रखा था। उस लट्ठ पर से एक समय में एक ही जना नदी पार कर सकता था। इसलिए जब एक किनारे से कोई नदी पार कर रहा होता था तो दूसरे किनारे वाला रुक जाता था और उसके नदी पार करने के बाद ही नदी पार करता था।
उन दोनों गावों में दो बकरियाँ रहती थी। दोनों ही बकरियाँ बहुत ही झगड़ालू स्वभाव की थी। एक बार दोनों ही बकरियाँ नदी पार करने के लिए नदी पर आई। दोनों ने अपने-अपने किनारे से एक दूसरे को देख लिया था। लेकिन दोनों ही पहले नदी पार करना चाहती थी। इसलिए दोनों ही लट्ठ पर चढ़ गई। चलते-चलते दोनों नदी के बीच में पँहुच गई। अब दोनों एक दूसरे के आमने-सामने थी।
पहली बकरी ने दूसरी बकरी से पीछे हटने के लिए कहा, “पहले मैं नदी पार करूंगी, इसलिए तुम पीछे हट जाओं।”
दूसरी बकरी ने कहा, “तुम कौन सी कहीं की महारानी हो, जो पहले नदी पार करोगी। पहले मैं नदी पार करूंगी, तुम पीछे हट जाओं।”
दोनों में से एक भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थी। दोनों में तू-तू। मैं-मैं शुरू हो गई। दोनों के बीच झगड़ा बढ़ता गया। दोनों अपनी लड़ाई में इतना खो गई कि दोनों ही यह भूल गई कि वे दोनों एक संकरे से लट्ठ पर नदी के बीचों बीच खड़ी है। उनकी लड़ाई इतनी बढ़ गई के दोनों एक दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो गईं।
दोनों ने एक दूसरे को सींगों से मारना शुरू कर दिया। इससे उनका संतुलन बिगड़ गया और दोनों ही नदी में गिर गईं। नदी की तेज धार उन्हें अपने साथ बहा ले गई। अपने अभिमान और झगड़ालू स्वभाव के कारण दोनों को ही अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
सीख
झगड़ा से किसी भी समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता। इससे नुकसान ही उठाना पड़ता है।
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तो दोस्तों, “कैसी लगी ये रीत, कहानी के साथ-साथ मिली सीख”? आशा करती हूँ आप लोगों ने खूब enjoy किया होगा।
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