झालर शंख नगाडा, बाजे रे
श्री नाड़ाधिरानी माँ चामुंडा का भजन
(तर्ज – झालर शंख नगाडा, बाजे रे ……… )
झालर शंख नगाडा, बाजे रे – बाजे रे,
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा चामुण्डा बिराजे रे,
चामुण्डा विराजे रे – 2, बठे म्हारी मात बिराजे रे ।। टेर ।।
खेता माही बण्यो रे देवरो, मंदिर की छवि न्यारी,
दूर-दूर सूं आवे यात्री, बालक नर और नारी,
माता के शीश झुकावे रे झुकावे रे ।। 1 ।।
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा बिराजे रे…….
चामुंडा और मां दुर्गा की मूरत लागे प्यारी,
पास में बैठा भेरुजी और सन्मुख हनुमत भारी,
दर्शन से दुखड़ा भागे रे भागे रे।। 2 ।।
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा बिराजे रे…….
मंदिर के बाजू में नाडो, ज्यामे निर्मल नीर,
नाडा में नहाता ही सबको कंचन हुए शरीर,
सब रोगा ने दूर भगावे रे भगावे ।। 3 ।।
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा बिराजे रे………
सुंदर शिखर बण्यो है भारी, अधरखम्ब है एक,
ब्रह्मा विष्णु शिव मोहित हो गया, देख मंदिर की टेक,
द्वारे पर नौबत बाजे रे बाजे रे ।। 4 ।।
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा बिराजे रे………
आसोज सुदी आठम के दिन, भरे है माँ का मेला,
दूर-दूर से आवे यात्री, होवे उपाध्याय भेला,
बठे भीड़ भड़क्का मचावे रे – मचावे रे ।। 5 ।।
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा बिराजे रे………
पंडित जी तो यज्ञ करावे, सेवक साजे सेवा,
कोई चढ़ावे लाडू चूरमा, कोई चढ़ावे मेवा,
माता के भोग लगावे रे – लगावे रे ।। 6 ।।
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा बिराजे रे………
मात भवानी दर्शन दिना, इण मंदिर के बीच,
सिरु माँ की महिमा गावे, सब भक्तन के बीच,
डफली पर थाप लगावे रे – लगावे रे ।। 7 ।।
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा बिराजे रे………
झालर शंख नगाडा, बाजे रे – बाजे रे,
रिंया री काकड़ में माँ चामुंडा चामुण्डा बिराजे रे,
चामुण्डा विराजे रे – 2, बठे म्हारी मात बिराजे रे ।।