म्हारा सतगुरु आया द्वार, भई रंग रलियां
गुरुजी का भजन
सतगुरु मेरा बाणियां, बीणज करे जो पार ।
बिन डंडी बिन तागड़ी, गुरु तोल दिया संसार ।।
म्हारा सतगुरु आया द्वार, भई रंग रलियां,
म्हारों लिनो जनम सुधार, बाँटू गुड़ डलियां ।।टेर।।
मैं बुहारू नगर बाजार, साफ करूँ गलियाँ,
ज्यामें देउँ गिदरा बिछाय, जाजम ढलवैयां ।। 1 ।।
म्हारों लिनो जनम सुधार……….
मैं तो इमरत भोजन बनां, पाट ढलवैयां,
और ऊपर चीनी खांड, गिरत घालू पलियाँ ।। 2 ।।
म्हारों लिनो जनम सुधार……….
म्हाने दिनों केवल ज्ञान, भय सूं टलियाँ,
म्हाने लिया रे चौरासी टाल, पापड़ ज़्यूं तलिया ।। 3 ।।
म्हारों लिनो जनम सुधार……….
म्हे निरख्या गुरु दीदार, पुषप खिली कलियाँ,
ओ बालक चरणां रो दास, मोक्ष पद मिलिया ।। 4 ।।
म्हारों लिनो जनम सुधार……….
म्हारा सतगुरु आया द्वार, भई रंग रलियां,
म्हारों लिनो जनम सुधार, बाँटू गुड़ डलियां ।।