झिलमिल-झिलमिल चूनड़ी का तारा
श्री नाड़ाधिरानी माँ चामुंडा का भजन
झिलमिल-झिलमिल चूनड़ी का तारा चमके, रे सितारा चमके,
आजा ए भवानी थारा सेवक तरसे ।। टेर ।।
लाल सुरंगी मेंहदी थारे, हथल्या राचे लाल,
धाम है थारो रियां माही, मंदिर बण्यो विशाल,
सिंह पर बैठ्या मइया जी ने, सेवक निरखे ।। 1 ।।
आजा ए भवानी थारा……….
हाथां सोहे लाल चुड़ो माँ, गल विच नवलख हार,
लाल कसुमल कब्जो सोवै, लम्पि की बहार,
काना माही झुमका माँ, मोती चमके।। 2 ।।
आजा ए भवानी थारा……….
माथे सोहे बोरलो, नैण काजलिया री रेख,
पलका तो उघाड़ो मइया, टाबरियां ने देख,
कद से खड़्या उडिके, थारा सेवक बिलखै ।। 3 ।।
आजा ए भवानी थारा……….
पग पैजनियाँ कमर तागड़ी, सिर पर चंवर ढुले,
जगमग थारी ज्योत जगे माँ, छप्पन भोग लगे,
देख-देख थारो रूप सुहाणो, मनड़ो हरषे ।। 4 ।।
आजा ए भवानी थारा……….
लाल ध्वजा फहरे मंदिर पे, नौपत बाजे द्वार,
रत्न सिंहासन बैठी म्हारी, तीन लोक सरकार,
सेवक करे गुणगान थारो, गगन से अमृत बरसे ।। 5 ।।
आजा ए भवानी थारा……….
झिलमिल-झिलमिल चूनड़ी का तारा चमके, रे सितारा चमके,
आजा ए भवानी थारा सेवक तरसे ।।