श्री गणेश काटो कलेश – shri-ganesh-kato-kalesh
गणपती जी का भजन
श्री गणेश काटो कलेश-2, नित्य हमेश ध्यावां थाने,
अरज लगावां दरबार में, मनावां थाने, अरज लगावां दरबार में ।।टेर।।
सूँड सूँडाला दुण्ड दुण्डाला-2, मोटा मुण्ड लांम्बी सूंड,
करके धूप ध्यावां थाने, अरज लगावां दरबार में ।। 1 ।।
मनावां थाने, अरज लगावां दरबार में………….
पुष्पन की माला, नयन विशाला-2, चढ़े सिंदूर बरसे नूर,
दुश्मन दूर ध्यावां थाने, अरज लगावां दरबार में ।। 2 ।।
मनावां थाने, अरज लगावां दरबार में………….
रिद्ध सिद्ध नारी, लागे है प्यारी-2, रिद्ध सिद्ध नार भरो भण्डार,
करो कल्याण ध्यावां थाने, अरज लगावां दरबार में ।। 3 ।।
मनावां थाने, अरज लगावां दरबार में………….
लाडू चूरमा को भोग लगावां-2, बाटी दाल घी की धार,
पोवा दयाल ध्यावां थाने, अरज लगावां दरबार में ।। 4 ।।
मनावां थाने, अरज लगावां दरबार में………….
दास मोती सिंह थारो यश गावे-2, गुरु चरणा में शीश नवावे,
मांगू दान, दो वरदान-2, सेवा अपार ध्यावां थाने, अरज लगावां दरबार में ।। 5 ।।
मनावां थाने, अरज लगावां दरबार में………….