मूर्ख मित्र – Murkh Mitra
पंचतंत्र की कहानियाँ – पहला तंत्र – मित्रभेद – मूर्ख मित्र – Murkh Mitra – The Foolish Friend
पंचतंत्र की इस कहानी मूर्ख मित्र में यह बातया गया है कि मूर्ख लोगों की शत्रुता तो क्या मित्रता भी अच्छी नहीं होती। इस कहानी में राजा के मित्र बंदर ने राजा का हित तो देखा लेकिन उससे होने वाले अहित अर्थात् नुकसान पर उसने ध्यान नहीं दिया। जिसका परिणाम राजा को भुगतना पड़ा। तो चलिए पढ़ते है राजा और उसके मूर्ख मित्र बंदर की कहानी।
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अमरपुर नगर में राजा गुमानसिंह राज्य करते थे। उनके राजमहल में एक बंदर भी रहता था। उसका नाम जड़मति था। अपने नाम के अनुसार ही वह अल्प बुद्धि वाला था।
राजमहल में कहीं पर भी आने-जाने से की हिम्मत किसी में नहीं थी, क्योंकि वह राजा गुमानसिंह का बहुत ही विश्वास-पात्र और भक्त था।
राजा गुमानसिंह महल में सबसे ज्यादा उस पर ही विश्वास करते थे। उन्होंने उसे ही अपनी सेवा में लगा रखा था। वह भी पूरे मन से राजा की सेवा करता था। वह किसी को राजा के पास फटकने भी नहीं देता था।
ढीठ मक्खी
एक दिन राजा अपने पलंग पर आराम से सो रहे थे और बंदर जड़मति उन्हे पंखी से हवा झल रहा था। तभी कहीं से एक मक्खी उड़ते हुए वहाँ आ गई।
वह गुन-गुन करते हुए राजा के आस-पास उड़ने लगी। बंदर ने ये सोच कर कि मक्खी कहीं राजा की नींद ना खराब कर दे, पंखे से उसे हटाने की बहुत कोशिश की।
लेकिन मक्खी भी पूरी ढीठ थी। वह राजा की नाक पर जाकर बैठ गई। जब बंदर ने उसे नाक पर से उठाया तो वह उड़कर गुमानसिंह की छाती जा बैठी। जड़मति जब उसे नाक पर से उड़ाता तो वह राजा की छाती पर जाकर बैठ जाती और जब वह उसे छाती से उड़ाता तो फिर जाकर नाक पर बैठ जाती।
तेरी तो ऐसी की तैसी
जब बहुत देर तक मक्खी वहाँ से नहीं गई तो बंदर को गुस्सा या गया। उसने ग़ुस्से से कहा, “ढीठ मक्खी तू ऐसे नहीं मानेगी। अब तो तुझे जान से मारना पड़ेगा।” इतना कहकर बंदर ने राजा के पास पड़ी तलवार उठा ली।
मक्खी उड़कर राजा की छाती पर जाकर बैठ गई। बंदर ने पूरा जोर लगाकर मक्खी पर वार किया। मक्खी तो उड़ गई और तलवार ने राजा की छाती के दो टुकड़े कर दिये। राजा तड़प-तड़प कर मर गया।
सीख
मूर्ख मित्र की अपेक्षा विद्वान शत्रु कहीं ज्यादा अच्छा होता है।
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पिछली कहानी – जैसे को तैसा
तो दोस्तों, कैसी लगी पंचतंत्र की कहानियों के रोचक संसार में डुबकी। मजा आया ना, तो हो जाइए तैयार लगाने अगली डुबकी, .. .. .. ..
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