बूढ़ा बनिया और चोर – Budha Baniya Aur Chor
पंचतंत्र की कहानियाँ – तीसरा तंत्र – कोकोलूकीयम – बूढ़ा बनिया और चोर – Budha Baniya Aur Chor – The Old Tradesman and The Thief
कामनापुर नगर में एक बूढ़ा बनिया रहता था। उसका नाम कामातुर था। उसकी पत्नी के मरने के बाद वह अपने आपको अकेला महसूस करने लगा। इसलिए उसने एक गरीब बनिए को बहुत सारी रकम देकर उसकी युवा लड़की चंद्रप्रभा से दूसरा विवाह कर लिया।
लेकिन चंद्रप्रभा इस विवाह से खुश नहीं थी। कहाँ वह इतनी सुंदर और युवा, और कहाँ वह बूढ़ा खूसट कामातुर। दोनों का कोई मेल ही नहीं था। इसलिए वह सफेद बालों वाले, हड्डियों के ढांचे, बिना दाँतों के पोपले मुँह वाले बूढ़े कामातुर से बात करना तो दूर उसकी तरफ देखती भी नहीं थी।
बूढ़े बनिए कामातुर ने बहुत कोशिश की कि वह उसकी ओर आकर्षित हो जाए लेकिन वह असफल रहा। चंद्रप्रभा उसकी तरफ देखना तो दूर, सोती भी मुँह फेर कर थी।
एक रात को वह इसी तरह बूढ़े बनिए के साथ एक खाट पर दूसरी ओर मुँह किए हुए लेटी हुई थी। तभी एक चोर उस बनिए के घर में चोरी करने के इरादे से घुसा और चोरी करने के लिए सामान ढूँढने लगा। तभी अंधेरे में वह किसी बर्तन से टकरा गया। वह जल्दी से एक कोने में छुप गया। बर्तन के गिरने से हुई आवाज से चंद्रप्रभा डर गई और डर के मारे अपने बूढ़े पति से चिपक गई।
यह देख कर बूढ़ा कामातुर को बड़ा विस्मय हुआ। वह चंद्रप्रभा से स्पर्श से रोमांचित हो गया। वह मन ही मन सोचने लगा कि “आज ऐसा क्या हो गया कि इसने मेरा आलिंगन कर लिया है।” उसने वैसे ही सोते-सोते अपने घर में चारों ओर देखा तो उसे एक कोने में छिपा हुआ चोर दिखाई दे गया। उसे समझ में आ गया कि आज इसी चोर के भय से चंद्रप्रभा उस पर मेहरबान हुई है। वह चोर से बोला,
👴🏼 कामातुर – ए चोर, मेरी पत्नि को हानि मत पँहुचाना। यह सदा मेरा तिरस्कार करती है, लेकिन आज तुम्हारे भय के कारण इसने मेरा आलिंगन किया है। इसलिए तुम जो भी चुरा कर ले जाना चाहते हो वह ले जाओं।”
🕵️ चोर – मुझे जिस चीज की चोरी नहीं करनी होती है उसकी तरफ मैं देखता भी नहीं हूँ। यदि तुम्हारी पत्नी तुम्हारा आलिंगन नहीं करेगी तो मैं फिर से चोरी करने आऊँगा और जो भी चोरी करने लायक चीज होगी उसे चुरा ले जाऊँगा।”
इतना कहकर वह चोर वहाँ से चला गया।
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तो दोस्तों, कैसी लगी पंचतंत्र की कहानियों के रोचक संसार में डुबकी। मजा आया ना, तो हो जाइए तैयार लगाने अगली डुबकी, .. .. .. ..
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