मूर्ख-मंडली – Murkh-Mandali
पंचतंत्र की कहानियाँ – तीसरा तंत्र – कोकोलूकीयम – मूर्ख-मंडली – Murkh-Mandali – The Group of Fools
ऐसा कभी देखा ना सुना
एक बहुत बड़ा पर्वत था। उस पर्वत पर बहुत सारे पेड़-पौधे थे। उसी पेड़ की तलहटी में एक विशालकाय बरगद का पेड़ था। उस पेड़ पर सिन्धुक नाम का एक पक्षी रहता था। वह सोने की बीट करता था। लेकिन उसके बारे में कोई नहीं जानता था। किसी को भी सोने की बीट देने वाले उस पक्षी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
एक बार एक व्याध उसी पेड़ के नीचे से जा रहा था। उसे भी उस पक्षी द्वारा सोने की बीट देने की बात पता नहीं थी। शिकारी उस पक्षी से अनजान वहाँ से निकलने ही वाला था कि तभी उस सिन्धुक ने सोने की बीट कर दी। वह स्वर्ण-बीट नीचे से गुजर रहे शिकारी के सामने गिरी। अपने सामने सोने की बीट गिरते देख उसने ऊपर देखा तो उसे एक पक्षी दिखाई दिया। उसे बहुत आश्चर्य हुआ।
उसने सोचा, “अरे वाह, यह पक्षी तो सोने की बीट करता है। मैं बचपन से पक्षियों को पकड़ता आया हूँ, लेकिन ऐसा पक्षी न तो कभी देखा और ना ही इस तरह के पक्षी के बारे में कभी सुना। यदि मैं इसे पकड़ लूँ तो मुझे रोज सोने की बीट मिल जाया करेगी। मैं बहुत ही जल्दी धनवान बन जाऊँगा।“
यह सोच उसने अपना जाल उछाल कर उसे पकड़ लिया। अपनी मूर्खता के कारण सिन्धुक शिकारी के जाल में फँस गया। सिन्धुक को पकड़कर शिकारी अपने घर आ गया और उसे एक पिंजरे में बंद कर अपने पास रख लिया।
जादुई उपहार
एक दो दिन उसे अपने पास रखने के बाद उसे डर सताने लगा कि यदि किसी को सोने की बीट देने वाले पक्षी के बारे में पता चल गया और उसने यह बात जाकर राजा जाकर बता दी तो उसे राजा के समक्ष उपस्थित होना पड़ेगा। हो सकता है राजा उसे मृत्युदंड दे दें। यह सोच कर वह इतना डर गया कि अगले दिन ही वह स्वयं ही सोने के पक्षी वाला पिंजरा लेकर राजा के समक्ष पँहुच गया।
उसने राजा को वह पक्षी देते हुए कहा,
🧔🏿 शिकारी – महाराज, मुझे जंगल में शिकार करते वक्त यह जादुई पक्षी मिला है।
🤴🏻 राजा – इस पक्षी की क्या बात जादुई है? यह तो हमें एक साधारण का पक्षी ही दिखाई दे रहा है।
🧔🏿 शिकारी – देखने में यह साधारण दिखता हो महाराज, लेकिन यह पक्षी बहुत ही असाधारण है। यह पक्षी सोने की बीट करता है।
शिकारी की बात सुनकर राजा को बहुत आश्चर्य हुआ। वह बोला,
🤴🏻 राजा – लेकिन हमने तो आज तक ऐसे किसी भी पक्षी के बारें में नहीं सुना। हम तुम्हारी बात पर कैसे विश्वास के लें?
🧔🏿 शिकारी – जब यह पक्षी बीट करेगा तब आपको मेरी बात का विश्वास हो जाएगा।
🤴🏻 राजा – तो ठीक है, तुम इस पक्षी को हमारे पास छोड़ जाओं। यदि तुम्हारी बात सहीं हुई तो हम तुम्हें बहुत सारा ईनाम देंगे।
मूर्ख-मंडली की मंत्रणा
शिकारी उस पिंजरे को राजा के पास छोड़कर चला गया। राजा ने अपने सेवकों को आदेश दिया कि वे उस पक्षी का बहुत ध्यान रखे, उसे पेट भर कर दाना-पानी खिलाएं। जिससे वह शीघ्र अति शीघ्र विष्ठा (बीट) कर दे। अगले दिन दरबार में राजा ने अपने दरबारियों व मंत्रियों को उस शिकारी और उसके दिए पक्षी के बारे में बताया और पूछा,
🤴🏻 राजा – मंत्रियों, कल हमारे महल में एक शिकारी आया था। उसने हमें एक स्वर्ण-विष्टा करने वाला पक्षी भेंट में दिया है। क्या सच में कोई पक्षी सोने की बीट दे सकता है? आप लोगों का इस बारे में क्या विचार है?
👳🏻♂️ मंत्री – महाराज, हमने तो आज तक किसी के भी मुख से सोने की विष्ठा करने वाले पक्षी के बारें में नहीं सुना।
👳🏻 दरबारी – मुझे तो लगता है महाराज, उस शिकारी ने झूठ बोलकर आपके साथ उपहास किया है। कोई मूर्ख ही होगा जो सोने की विष्ठा करने वाले पक्षी को किसी को भेंट में दे दें।
👳🏻♂️ मंत्री – हाँ महाराज, आप उस शिकारी की मूर्खतापूर्ण बातों पर विश्वास करके उपहास का पात्र मत बनिए। इससे पहले कि लोगों को इस बारे में पता चले और वे आपका मजाक बनाएं, इस पक्षी को छोड़ दीजिए।
👳🏻 दरबारी – मेरा भी यहीं विचार है महाराज।
अपने मंत्रियों की सलाह मानकर राजा ने उस पक्षी को छोड़ दिया। स्वतंत्र होते ही सिन्धुक उड़ कर राजा के दरबार के प्रवेश द्वार पर जा बैठा। फिर उसने वहाँ बैठकर स्वर्णमयी विष्ठा की और उड़ कर जाते हुए बोला,
“पूर्वं तावदहं मूर्खो द्वितीयः पाशबन्धकः । ततो राजा च मन्त्रि च सर्वं वै मूर्खमण्डलम् ॥
अर्थात्, पहले तो मैं ही मूर्ख था, जिसने शिकारी के सामने स्वर्ण-विष्ठा कर दी। फिर उस शिकारी ने मूर्खता दिखलाई जो व्यर्थ ही मुझे राजा को भेंट में दे दिया। उसके बाद राजा मंत्री भी मूर्ख ही निकले, जिन्होंने राजा को मुझे छोड़ने की सलाह दी। सबसे बड़ा मूर्खों का सरताज तो राजा निकला जिसने बिना सच जानने की कोशिश किए अपने मंत्रियों की सलाह पर मुझे छोड़ दिया। इस राज्य में सभी मूर्ख-मंडली के ही सदस्य है।
सीख
किसी अनहोनी बात का सच जानने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। जल्दबाजी में लिए गए निर्णय मूर्खतापूर्ण और नुकसानदायक ही होते है।
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तो दोस्तों, कैसी लगी पंचतंत्र की कहानियों के रोचक संसार में डुबकी। मजा आया ना, तो हो जाइए तैयार लगाने अगली डुबकी, .. .. .. ..
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