हे रूणीचे रा धणियाँ, अजमाल जी रा कँवरा
बाबा रामदेव जी का भजन
। । दोहा ।।
जब-जब भार बढ्यो धरती पर, हरी लियो अवतार ।
पापी दुष्टांने मारीया , निष्कलंक नेजाधार ।।
हे रूणीचे रा धणियाँ, अजमाल जी रा कँवरा, माता मेणादे रा लाल,
राणी नेतल रा भरतार, म्हारो हेलो, सुणो नी रामा पीर जी,
म्हारो हेलो, सुणो नी रामा पीर जी ।। टेर ।।
घर–घर होवे पूजा थांरी, गाँव–गाँव जस गावे जी,
दूजो कोई लेवे नाम धणी रो, मन चाया फल पावे जी
हे रामसा पीर थारी,
ड्योढी पर शीश झुकावाँ , मनड़े रा फूल चढ़ावाँ,
हे रूणीचे रा धणियाँ, अजमाल जी रा कँवरा…….
थे तो बाबा मालिक म्हारा, म्हे तो थारा दास जी
म्हां पर किरपा कीजो बाबा, टाबर आपणों जाण जी
स्वार्थियाँ रो जहर उतारो,
घड़ी पलक री सासा, बन्धावो म्हाने आशा,
हे रूणीचे रा धणियाँ, अजमाल जी रा कँवरा…….
दास करे अरदास पीर जी, डसगयो कालो नाग जी
मरतोड़ा ने जीवण दिजो, जीतां ने वरदान जी
महिमा अपरम्पार थांरी,
धन–धन भाग्य विधाता, थाने घणी खम्मा अन्नदाता,
हे रूणीचे रा धणियाँ, अजमाल जी रा कँवरा…….
हे रूणीचे रा धणियाँ, अजमाल जी रा कँवरा , माता मेणादे रा लाल,
राणी नेतल रा भरतार, म्हारो हेलो, सुणो नी रामा पीर जी,
म्हारो हेलो, सुणो नी रामा पीर जी ॥