प्यारा सा मुखड़ा, घुंघराले केश
श्याम बाबा का भजन
(तर्ज – आने से उसके आये बहार ……… )
प्यारा सा मुखड़ा, घुंघराले केश, कलयुग का राजा, खाटू नरेश
हारे का सहारा है, मेरा श्याम धणी,
भक्तों का दुलारा है, मेरा श्याम धणी ।। टेर ।।
बन सँवर के बैठा, ये तो दरबार अपना लगा के,
देख लो करिश्मा, श्याम चरणों में सर को झुका के,
कष्ट कटे दुखड़े मिटें, देता छुटकारा है, मेरा श्याम धणी ।। 1 ।।
भक्तों का दुलारा है…….
आ रहे है लाखो, श्याम बाबा का करते है दर्शन,
ध्यान से जो देखे, इनके चेहरे में है वो आकर्षण,
दीवाना कर देता, ऐसा जादुगारा है, मेरा श्याम धणी ।। 2 ।।
भक्तों का दुलारा है…….
जो भी हो जरुरत, सच्चे मन से तू अर्जी लगा दे,
चाहिए अगर कुछ, इसकी चौखट पे पल्ला बिछा दे,
कितनो के किस्मत की, रेखा को सँवारा है, मेरा श्याम धणी ।। 3 ।।
भक्तों का दुलारा है…….
मुझको जो कुछ मिला है, कैसे शब्दों में वर्णन करूँ मैं,
बार बार आकर, इस दाता के पैंया पड़ूँ मैं,
दिल मेरा यूँ बोले, बिन्नू ये तुम्हारा है, मेरा श्याम धणी ।। 4 ।।
भक्तों का दुलारा है…….
प्यारा सा मुखड़ा, घुंघराले केश, कलयुग का राजा, खाटू नरेश,
हारे का सहारा है, मेरा श्याम धणी,
भक्तों का दुलारा है, मेरा श्याम धणी ।।