गणपति देवा, नित करां सेवा, करो विघ्न सब दूर,
गणेश जी का भजन
गणपति देवा, नित करां सेवा,
करो विघ्न सब दूर, गजानन आ जावो ।।टेर।।
माथे मुकुट निराला है, गल मोतियाँ की माला है,
पार्वती का लाला है, गणपति दुंद दूंदाला है,
रिद्धि-सिद्धि थारे संग में सोहे, मूसे के असवार ।। 1 ।।
गजानन आ जावो………….
रणतभंवर के राजा है, अटक्या सारे काजा है,
सब देव सरताजा है, थापे बाजे बाजा है,
सबसे पहल्या थाने मनावां, दीज्यो भक्ति भरपूर ।। 2 ।।
गजानन आ जावो………….
प्रेम भाव से जो ध्यावे, सारा संकट कट जावे,
साँचे मन से जो कोई ध्यावे, घर-घर मंगल हो जावे,
लम्बोदर मैं थाने मनावां, गाकर मंगलाचार ।। 3 ।।
गजानन आ जावो………….
शुभ और लाभ को देता है, भक्त की नैया खेता है,
पाअन्न धन से भंडार भरे, छप्पर फाड़ के देता है,
श्याम संध्या थारी शरण में आयो, करता जै-जैकार ।। 4 ।।
गजानन आ जावो………….
गणपति देवा, नित करां सेवा,
करो विघ्न सब दूर, गजानन आ जावो ।।