रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा मोह
गुरुजी का भजन
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा
गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः
गुरु मंत्र
ॐ नमो नारायण श्री रामाय गोविंदाय,
माधवाए विष्णुवाय विदमतिया तुम शरणं !!
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया,
मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया, मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया,
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया ।।टेर।।
दौड़ रहा दिन-रात सदा, जग के सब कार बिहारण में,
स्वप्न में सम विश्व दिखाय मुझे, मेरे चंचल चित्त को मोड़ दिया ।। 1 ।।
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा…….
कोई शेष गणेश महेश रटे, कोई पूजे पीर पैगम्बर को,
सब पंथ ग्रंथ छुड़ा कर कर, इक ईश्वर से मन जोड़ दिया ।। 2 ।।
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा…….
कोई ढूढ़त है मथुरा नगरी, कोई जाय बनारस वास करें,
जब व्यापक रूप दिखाय दिया, सब भरम का भंडा फोड़ दिया ।। 3 ।।
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा…….
कौनसी भेंट करु गुरुदेव को, न वस्तु दिखे तिहूं लोकन में,
ब्रह्मानंद समान न होय कभी, धन माणिक लाख लाख करोड़ दिया ।। 4 ।।
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा…….
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया,
मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया, मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया,
रामा ऐसी करी गुरुदेव दया, मेरा मोह का बंधन तोड़ दिया ।।