गुरुदेव हो मेरे आप, मुझे शरण में
गुरुजी का भजन
सतगुरु दिवो नाम रो, और क्या जाने संसार
गिरत सिंचाओ प्रेम रा, उतरो भाव जल पार
गुरुदेव हो मेरे आप, मुझे शरण में ले लो ना,
दु:ख का मारा हूँ मैं, मेरे दुखड़े हर लो ना ।।टेर।।
दीनों के नाथ हो तुम, मेरी बिगड़ी बना दो ना,
आ शरण पड़ा तेरी, अब अर्जी सुनलों ना,
आगे है मर्जी तेरी, मेरे दुखड़े हर लो ना ।। 1 ।।
गुरुदेव हो मेरे आप…..
तुझे छोड़ कहाँ जाऊँ, के दो कृपा मुझ पर,
बालक मैं तेरा हूँ, आया मैं तेरे दर पर,
सुन लो विनती मेरी, मुझे शरण में ले लो ना ।। 2 ।।
गुरुदेव हो मेरे आप……
दर-दर पर भटका हूँ, अब और कहाँ जाऊँ,
एक आशा है मेरी, तेरे दर्शन करता रहूँ,
मेरी आशा पुरा दो ना, मेरे दुखड़े मिटा दो ना ।। 3 ।।
गुरुदेव हो मेरे आप…..
अभिमान ना हो मुझमे, तुम वास करो मेरे मन में,
सेवा नित तेरी करूं, तेरा ध्यान रहे मन में,
चरणों की रज देना, मुझे शरण में ले लो ना ।। 4 ।।
गुरुदेव हो मेरे आप…..
गुरुदेव हो मेरे आप, मुझे शरण में ले लो ना,
दु:ख का मारा हूँ मैं, मेरे दुखड़े हर लो ना ।।