Introduction of English – अंग्रेजी का परिचय
दोस्तों हमनें अपने पिछले लेख में अंग्रेजी सीखने के तरीकों के बारे में पढ़ा था। लेकिन केवल पढ़ने देखने या सुनने से ही किसी भी भाषा का पूरा ज्ञान नहीं हो पाता।
इसके लिए उस भाषा की शब्दों, उसकी मैंने शब्दावली (Vocabulary), इसमें वाक्य बनाने का तरीका या नियम क्या है, कौन-सा शब्द क्या है तथा उनका आपस में क्या संबंध होता है, ये सब जानना बहुत जरूरी होता है।
इसलिए मैं आपके लिए लाई हूँ सम्पूर्ण अंग्रेजी गाइड जिसमें में आपको अंग्रेजी भाषा के शब्दकोश ((Vocabulary), व्याकरण (Grammer) तथा उच्चारण (Pronunciation) आदि के बारे में जानकारी दूँगी।
What Is English? – अंग्रेजी क्या है?
ये तो सभी जानते है कि अंग्रेजी एक भाषा है। जो मुख्यत: ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया तथा संयुक्त राज्य आमेरिका आदि में बोली जाने वाली एक भाषा है, जिससे वहाँ के लोग एक-दूसरे को अपने संदेशों का आदान-प्रदान उसी प्रकार करते है जैसे हम हिन्दी में।
इसलिए अंग्रेजी भाषा को सीखने से पहले हम यह जान ले कि भाषा क्या होती है?
What Is Language? – भाषा क्या है?
Language अर्थात भाषा, सार्थक शब्दों अथवा संकेतों का एक समूह है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, संकेतों द्वारा, पढ़कर, सुनकर, लिखकर व देखकर अपने मन के भावों तथा विचारों को एक-दूसरे तक पँहुचाते हैं।
दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि – जिसके द्वारा हम अपने मन के भावों तथा विचारों को लिखित, सांकेतिक, या कथित रूप से दूसरों को समझा सके तथा दूसरों के भावों तथा विचारों को समझ सके, उसे भाषा कहते है। शब्दों के समूह या संकेत को भाषा कहते है।
मनुष्य ही नहीं जानवरों की भी अपनी भाषा होती है। अलग-अलग प्रांतों, राज्यों तथा देशों की अपनी एक भाषा जरूर होती है। जिसके द्वारा वे एक-दूसरे के बात करते हैं।
What Is Word – शब्द क्या है?
शब्द क्या है? – “शब्द कुछ ध्वनियों या कुछ अक्षरों का एक ऐसा समूह होता है, जो एक विशेष अर्थ व्यक्त करता हैं।” – “A word is a group of sounds or letters that convey a particular meaning.”
अर्थात Word हम उसे ही कहेंगे जिसका कुछ अर्थ निकालना संभव हो या उसका अर्थ समझाया जा सके। इससे कोई फर्क हीं पड़ता कि Alphabet को कैसे भी उल्टा-पुलटा लिखा गया हो।
एक सही शब्द के लिए Alphabet को इस तरह से व्यवस्थित करना जरूरी है ताकि उसका कोई अर्थ बन सके और सामने वाला उसे समझ सके। इसे एक उदाहरण से समझते हैं:-
यदि हम GDO लिखते है तो इसका कोई अर्थ नहीं होता लेकिन यदि हम इन्हें सही तरह से Arrange करे तो हो सकता है कि कोई सार्थक शब्द बन सके।
तो जल्दी से इसे इस तरह से Arrange कीजिए कि कोई सार्थक शब्द बन जाये।
चलिए देखते है, DOG अर्थात कुत्ता या GOD अर्थात भगवान। तो देखा आपने शब्दों को सही तरीके से व्यवस्थित करते ही हमें दो सार्थक शब्द मिल गए। इन शब्दों से हम सामने वाले को बता पाए कि हम वास्तव में किसके बारे में बात कर रहे है।
अब आपको यह समझ आ गया होगा कि कोई भी भाषा सार्थक शब्दों व संकेतों का समूह हैं। प्रत्येक भाषा चाहे वह हिन्दी हो या अंग्रेजी उसके लिए सार्थक शब्दों का होना बहुत जरूरी है। इसलिए किसी भी भाषा का आधार उसके शब्द होते हैं।
अब हमारे सामने एक शब्द और आ गया “Alphabet”! अब ये क्या बला है!
What Is Alphabet? – वर्णमाला क्या है?
हर भाषा के अपने-अपने अक्षर या ध्वनियाँ होती है। किसी भी भाषा में जितने भी अक्षर होते है, उनके समूह को वर्णमाला (Alphabet) कहते है।
जिस प्रकार हर भाषा के अपने-अपने अक्षर या ध्वनियाँ होती है, उसी प्रकार अंग्रेजी भाषा में भी 26 अक्षर (Letters) होते है। इन्हें मुख्यत: दो तरह से लिखा जाता है: – 1) Capital Letter और 2) Small Letter।
Capital Letter
A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z
Capital Letter का प्रयोग मुख्यत: निम्न स्थानों पर किया जाता है: –
- प्रत्येक वाक्य का प्रथम अक्षर
- अंग्रेजी की कविता के प्रत्येक चरण का पहला अक्षर
- उस शब्द का प्रथम अक्षर जिससे व्यक्तिवाचक संज्ञा का बोध हो जैसे: – किसी का नाम, भगवान का नाम, धार्मिक किताबों के नाम, कोई उपाधि या पर्वतों के नाम आदि
- महीनों के नाम तथा सप्ताह के दिनों के नाम का पहला अक्षर
- संक्षिप्त शब्द के लिए प्रयुक्त होने वाला अक्षर
Small Letter
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z.
इन वर्णों का प्रयोग वाक्य प्रारंभ में शब्द के प्रथम अक्षर, व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के प्रथम अक्षर एवं शब्द संक्षेप आदि को छोड़कर विवरण प्रस्तुत करने के लिए इनका प्रयोग प्रचुर मात्रा में किया जाता है।
वैसे तो इन दोनों हो तरह के अक्षरों को कई तरह से सजा कर अर्थात Cursive Writing में भी लिखा जाता है, लेकिन उनमें भी इन्हें Capital Letter और Small Letter ही कहा जाता है।
यहाँ मैं आपको दो मजेदार बाते बताना चाहूँगी।
कई लोग समझते है कि अंग्रेजी भाषा में 26 Alphabets होते है। यहीं पर वे दो गलतियाँ कर देते है।
पहली Alphabet किसी भी भाषा के अक्षरों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है। अंग्रेजी भाषा में 26 अक्षर होते है ना कि Alphabet और इन्हीं 26 अक्षरों का समूह वर्णमाला अर्थात Alphabet कहलाता है।
दूसरी Alphabets, कुछ लोग Alphabet को Singular शब्द समझकर अंग्रेजी के 26 अक्षरों के लिए Alphabets शब्द का प्रयोग करते हैं, जो कि पूर्णतया गलत है।
Alphabet खुद ही एक Plural शब्द है, क्योंकि यह शब्द अक्षरों के समूह के लिए प्रयोग में लिया जाता है। इसलिए पूरी ABCD के लिए भी केवल Alphabet शब्द का प्रयोग होता है।
यदि Alphabet पर s लग जाए तो इसका अर्थ हो जाता है भाषा – Language अर्थात English Alphabets कहें या English Language दोनों का ही हिन्दी अर्थ अंग्रेजी भाषा होता है।
इन 26 Alphabet को भी दो भागों मने विभाजित किया गया है; 1) स्वर – Vowel और 2) व्यंजन – Consonants.
Vowel – स्वर
मनुष्य द्वारा उत्पन्न एक वाक् ध्वनि जब दाँत, जीभ, या होठों द्वारा अवरुद्ध किए बिना साँस मुँह से बाहर निकलती है तथा इनका उच्चारण बिना किसी अन्य अक्षर की सहायता से होता है।
स्वर ऐसे अक्षर होते हैं, जिनको बोलते समय हवा जीभ, होंठ या गले से बिना किसी रुकावट के मुंह से निकलती है और एक वाक् ध्वनि उत्पन्न करती है। अंग्रेजी वर्णमाला में मुख्यत: पाँच स्वर होते है, a, e, i, o, u, लेकिन कभी-कभी y भी स्वर का आभास देता है।
यदि आप Vowel के बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं, तो मेरा यह लेख जरूर पढ़ें: –
Consonants – व्यंजन
a, e, i, o, u को छोड़कर अंग्रेजी वर्णमाला के अन्य सभी अक्षर (B C D F G H K L M N P Q R S T V X Y Z) व्यंजन कहलाते हैं। इनकी संख्या 21 होती है। इनमें Y को छोड़कर सभी पूर्णत: व्यंजन होते हैं, क्योंकि Y कभी-कभी स्वर के रूप में भी Sound करता है।
इन सभी को बोलते समय हमारे मुँह से निकलने वाली हवा जीभ, तालु, दांत, या होंठों के मिलने के कारण अवरुद्ध होकर बाहर निकलती है। जिस कारण अलग-अलग तरह की ध्वनि निकलती है और अलग-अलग अक्षर का उच्चारण होता है। इनका उच्चारण किसी ना किसी स्वर की सहायता से होता है।
यहाँ यह बात ध्यान देने योग्य है कि अंग्रेजी में कई letters को जब अकेले रूप में बोला जाता है तो उनका उच्चारणअलग होता है, लेकिन यदि उन्हीं letters को शब्दों के बीच में प्रयुक्त किया जाए तो उनका उच्चारण बदल जाता है। जैसे: –
G, H, L, M, N, P अक्षर यदि अकेले बोले जाए तो जी, एच, एल, एम, एन, पी बोला जाता है, परन्तु यदि इन्हीं अक्षरों का प्रयोग जब शब्दों में होता है तो प्राय: इनका उच्चारण बदल कर क्रमशः ग, ह, ल, म, न, प हो जाता है।
Part of English – अंग्रेजी के भाग
English भाषा के दो भाग होते हैं। 1) व्याकरण – Grammer, और 2) शब्दावली – Vocabulary। English भाषा को समझने के लिए इसके दोनों भागों पर आपकी पकड़ होना अत्यंत आवश्यक होती है।
Grammer – व्याकरण
English भाषा के इस भाग में अंग्रेजी भाषा में वाक्य बनाने के नियम और शब्द के प्रकार बारे में जानकारी होती है।
जिस प्रकार सड़क पर चलते के लिए भी कुछ नियम बने होते है (जैसे: Red Light पर रुको, Green Light पर चलों, सड़क के दाईं और चलों आदि) और हमें सड़क पर सुरक्षित चलने के लिए उन नियमों का पालन करना पड़ता है, उसी प्रकार English भाषा को सीखने के भी उसे बोलने, लिखने तथा पढ़ने के कुछ नियम होते है, उन्हें ही Grammer कहते हैं।
कौनसा शब्द क्या है और उसका वाक्य बनाते समय कैसे प्रयोग किया जाएगा? इस सब के नियम English Grammer से सीखे जा सकते है। English Grammer के भी दो प्रकार होते हैं, 1) Traditional 2) Functional
Traditional
Tarditional शब्द Tradition से बना है अर्थात परंपरा। परंपरा जिसे बदला न जा सके या जिसे बदलना असंभव हो या जिसे बदलना बहुत ही मुश्किल हो। Traditional Gramaaer में वे नियम होते हैं, जिन्हें किसी भी हाल में बदला नहीं जा सकता।
जैसे हमारी परंपरा है कि हम दिवाली पर पटाखे जलाते है और होली पर रंग और गुलाल से होली खेलते हैं। हम दिवाली पर गुलाल नहीं खेल सकते और होली पर पटाखे नहीं चला सकते। यदि हम ऐसा करते हैं तो लोग हमें पागल समझेंगे और उसका मजाक बनाएंगे।
Functional
Functional शब्द Function से बना है, अर्थात जिसमें बदलाव हो सकता है। इसमें वो नियम होते हैं जो जगह, जरूरत और भावों के हिसाब से बदल जाते हैं।
जैसे किसी का Birthday Celebrate करना। आप जिस प्रकार से अपना Birthday Celebrate करते हैं यह जरूरी नहीं है कि कोई दूसरा भी उसी प्रकार से अपना Birthday Celebrate करेगा। वह उसमें बदलाव कर सकता है।
आप अपने Birthday को Cake काटकर तथा Party करके Celebrate करना चाहते हैं लेकिन हो सकता है कि आपका ही कोई दोस्त अपने परिवार के साथ मंदिर या अनाथलय में जाकर अपना Birthday Celebrate करें।
या फिर इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि एक महीने या साल में आपके पाँच दोस्तों का birtday है, तो आप सभी के birthday में अपनी dress बदल-बदल कर पहनते हो। अगर आप सभी दोस्तों के birthday में एक ही dress पहनकर जाओगे तो सब आपका मजाक बनाने लग जाएंगे कि क्या तुम्हारे पास एक ही dress है।
Diffrence Between Traditional Grammer and Functional Grammer
Traditional Grammer और Functional Grammer के अंतर को हम ऐसे भी समझ सकते हैं: –
Traditional Grammer यह कहती है कि So का use उस जगह पर किया जाता है जहाँ पर किसी की बुराई करनी हो और Very का use उस जगह पर किया जाता है जहाँ पर किसी की तारीफ करनी हो या अच्छाई बतानी हो।
लेकिन आपने कई बार खुद किसी को यह बोला होगा या किसी के मुंह से किसी को यह बोलते सुना होगा, “So cute, So nice, You are so beautiful! यह functional हैं, क्योंकि यहाँ पर So का इस्तेमाल किसी की अच्छाई बताने के लिए किया जा रहा है।
किसी ने किसी से मुस्कुराते हुए उसके गालों को कुची-मुची-करते हुए “So cute” कहा होगा, दूसरे को यह अच्छा लगा और उसने भी यह शब्द किसी और से कहा, इसी तरह एक-दूसरे को कहते सुनते यह सब जगह फैल गया। यही Functional Grammer है। जो जगह, जरूरत और भावों के हिसाब से बदल जाती है।
यहाँ पर यदि हम “Very cute, Very nice, You are Very beautiful” भी कहेंगे तो अर्थ में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन Traditional Grammer में ऐसा नहीं है, इसमें So हमेशा उसी वाक्य में लगेगा जहाँ आप कुछ बुरा कहने वाले हो और Very हमेशा अच्छे के लिए ही लगेगा।
Functional Grammer के हिसाब से तो आप कह सकते हो, “I am so happy.” लेकिन Traditional Grammer के हिसाब से तो So के साथ Sad और Happy के साथ Very ही लगेगा, “I am so sad.” या “I am very happy.”
इस तरह से हम कह सकते है कि Functional Grammer गलत है और Traditional Grammer सही! अब आप कहेंगे कि यदि Functional Grammerगलत है तो हम उसे बोलते ही क्यों है?
यहाँ मैं आपको बता दूँ कि Functional Grammer गलत नहीं है, Traditional Grammer यह कहती है कि Functional Grammer गलत है। Functional Grammer में यह बताया व सिखाया जाता है कि Smart तरीके से कैसे बोला जाए?
Traditional Grammer कहती है, Smartness जाए भाड़ में, हम इसकी परवाह नहीं करते हमें तो केवल Rules को Follow करना है। इसलिए हम कह सकते है, “Rules Oriented Grammer is Traditional Grammer और Free Flow Grammer is Functional Grammer”।
यदि देखा जाए तो बोलचाल की भाषा में तो हम हिन्दी में भी बहुत जगह गलत बोलते हैं, जैसे”
हम कहते है, “पंखा चल रहा है।”, तो भी पंखा चलता थोड़े है वो चलकर दूसरे कमरे में थोड़े ही जा रहा है। वो तो अपनी जगह पर घूम रहा है। इसलिए हमें तो यह कहना चाहिए कि पंखा घूम रहा है।
हम रात को सोते समय अपनी मम्मी को बोलते है, “मम्मी सुबह चार बजे उठा देना, मुझे जिम जाना है।” लेकिन आपकी मम्मी तो आपको अपने हाथों में उठाएगी थोड़े ही वो तो आपको जगाएगी। क्योंकि आपका मतलब जल्दी जगाने से ही था।
हम किसी ऑटो या बस से किसी जगह पर जा रहे होते है, मान लो अपने स्कूल जा रहे है तो जब हम स्कूल के सामने पँहुच जाते हैं तो हम कहते है, “भैया, रोक दो मेरा स्कूल आ गया।” तो भी स्कूल थोड़े ही चलकर आपके पास आया है, आप स्कूल तक पँहुचे हो।
लेकिन रोजमर्रा की भाषा में हम यही कहते है, “पंखा चल रहा है।” या “मुझे सुबह चार बजे उठा देना।” हम गलत कह रहे है लेकिन समाने वाले को समझ में आ रहा है इसलिए काम चल जाता है। तो हम साधारण बोलचाल की भाषा में Functional Grammer का ही प्रयोग करते है, चाहे वह कोई सी भी भाषा क्यों न हो।
बोलचाल की भाषा में तो आप रूल तोड़ देते हो तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के लिए, ज्ञानी लोगों में अपनी धाक जमाने के लिए, या Official Language में कुछ लिखने के लिए सही नियमों का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है।
इसलिए हम Traditional Grammer को सीखने पर ज्यादा ध्यान देंगे।
Topic of English Grammer
English Grammer में हम निम्नलिखित Topic पढ़ते हैं: –
- Part of Speech – शब्द भेद
- Noun – संज्ञा
- Pronoun – सर्वनाम
- Adjective – विशेषण
- Verb – क्रिया
- Adverb – क्रिया-विशेषण
- Conjuction – संयोजक
- Preposition – पूर्वसर्ग (विभक्ति या संबंध सूचक शब्द)
- Interjection – विस्मयादिबोधक
- Article
- Sentenses – वाक्य
- Tenses – काल
- Passage
अंग्रेजी भाषा पर अपनी अच्छी पकड़ बनाने के लिए आपको English Grammer के सभी भागों और नियमों को समझना होगा। इन्हें रटने की आवश्यकता नहीं है, बस उन्हें अच्छी तरह से पढ़कर समझे और ज्यादा से ज्यादा practice करें। “Practice make a man perfect.”
यहाँ में आपको यह भी बता दूँ English भाषा में सभी कुछ केवल नियमों से नहीं होता है। कुछ जगहों पर Basics, Concept के साथ-साथ कुछ Understanding की भी आवश्यकता होती है।
Vocabulary – शब्दावली
किसी भी विशेष भाषा में प्रयुक्त होने वाले सार्थक शब्दों के संग्रह या भंडार को उस भाषा की Vocabulary (शब्दकोश/शब्दावली) कहा जाता है।
- Phrase – वाक्य, मुहावरा, उक्ति, शब्दावली, बोल, लफ्ज़ (a group of words that make sense but do not complete sense is called a Phrase – शब्दों का ऐसा समूह जिससे अर्थ तो निकलता हो लेकिन पूरा अर्थ न निकलता हो, पदबंध कहलाता है)
- Idioms – मुहावरें
- Proverb – कहावतें
- Synonym – पर्यायवाची
- Antonyms – विलोम शब्द
- Spellings –
यहाँ में आपको यह भी बता दूँ Vocabulary में भी शब्द बनाने के कुछ नियम होते है लेकिन केवल उनको follow करके हम इसे नहीं सीख सकते इसके लिए आपको Basics, Concepts के साथ-साथ कुछ अपनी खुद की समझ की भी आवश्यकता होगी, जो आपको केवल और केवल ज्यादा से ज्यादा पढ़ने से मिलेगी। इसलिए अखबार, किताब जहाँ भी English पढ़ने को मिले खूब पढ़े।
Difference Between Gammer & Vocabulary
अब आप कहेंगे कि Grammer हो या Vocabulary इन दोनों में ही कुछ नियम होते है और शब्दों के बारे में जानकारी होती है तो इनमें अंतर क्या है?
Grammer में कौन-सा शब्द क्या है? उसको वाक्य में कैसे प्रयोग में लिया जाता है उसके नियम और तथा नियमों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है यह बताया जाता है और Vocabulary में शब्दों के इस्तेमाल के बारे में बताया जाता है।
जैसे You are like a wet blanket today. का यदि सीधा अर्थ निकाला जाए तो होता है: – “आज आप गीले कंबल की तरह हैं।” लेकिन इसका अर्थ है, “तूम तो आज कबाब में हड्डी बन गए हो।”
इसमें Wet Blanket का use कबाब में हड्डी के लिए किया गया है, इसे ही शब्दों का इस्तेमाल कहा जाता है।
ऐसे ही इसे ऐसे बोलें “You have become a wet blanket today.” तो यहाँ यह वाक्य भी अर्थ तो वही दे रहा है, लेकिन इसके शब्दों का arrangement बदल गया है। Grammer हमें यह बताती है कि You के साथ have या are, have के साथ become लगना चाहिए और today वाक्य के अंत में आना चाहिए।
इसलिए शब्दों को कैसे arrenge करना चाहिए ये Grammer से पता चलता है और शब्द क्या है, उनका क्या अर्थ निकलता है यह Vocabulary से पता चलता है।
इसे आप और आसानी से समझ पाएंगे जब आप मेरे साथ अंग्रेजी सीखने की Journey पूरी करेंगे।
How To Learn English? – अंग्रेजी कैसे सीखे?
किसी भी भाषा को समझने और सीखने के लिए शब्दों, उनके अर्थ और उनके प्रयोग के बारें में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। यहीं चीज English भाषा पर भी लागू होती है।
यदि आप अंग्रेजी भाषा को अच्छी तरह से पढ़ना, लिखना, और बोलना सीखना चाहते है तो आपको केवल और केवल एक ही चीज सिखनी है, “Word”! पूरी अंग्रेजी Word से ही शुरू होती है और Word पर ही खत्म होती है। Word ही English भाषा का आधार होते है।
आप भी सोच रहे होंगे कि ये क्या पागलों जैसी बाते कर रही है, अंग्रेजी सीखने के लिए तो Noun, Verb, Adjective, Preposition, Artical इन सब का ज्ञान होना चाहिए, और मैं कह रही हूँ कि अंग्रेजी सीखने के लिए केवल शब्द का ज्ञान होना ही जरूरी है।
जी हाँ, अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए इस भाषा के शब्दों, उनके अर्थ और उनके प्रयोग का होनी पूरा ज्ञान, ज्ञान ही नहीं सही ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है। फिर चाहे वो English Grammer या English Vocablary या English Speaking आपके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होगा।
यदि आप किसी भी Dictinary में इंग्लिश की defination पढ़ेंगे तो उसमें यही लिखा हुआ है, “English is nothing else just the ocean of words.- “अंग्रेजी और कुछ नहीं है सिर्फ़ शब्दों का एक सागर है।”
अंग्रेजी ही नहीं हर भाषा का आधार ही शब्द है, जैसे मैं भी अभी शब्दों के द्वारा ही आपसे बात कर रही हूँ, आपको अपनी बात समझा रही हूँ। उसी तरह अंग्रेजी भी तो एक भाषा ही तो है।
इसलिए हम हमारी English सीखने की यात्रा “Word” का सही ज्ञान सीखने से ही करेंगे।
Wrapping It Up – अंतिम शब्द
अपनी इस Post में मैंने English का एक छोटा सा परिचय दिया है, जिसमें, Letters, Alphabet, Word, Grammer, और Vocabulary के बारे में कुछ जानकारी दी है।
अधिकतर लोग अंग्रेजी भाषा को एक हौवे की तरह समझते है। वे सोचते हैं कि यह बहुत ही कठिन भाषा है, हम इसे नहीं सीख सकते। लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी भाषा सीखना इतना भी मुश्किल नहीं होता।
बस आप इसे serious होकर न सीखे इसे मजे-मजे में शांत मन से सीखे। एक Topic पूरा समझने के बाद अगला समझे। ज्यादा से ज्यादा पढ़े और Grammer की खूब Practice करें। यदि आप मेहनत करोगे तो यह हो ही नहीं सकता कि आपको अंग्रेजी न आए।
बस आप इसे पूरी लगन, और ईमानदारी से मेहनत करते रहें, देखिएगा एक दिन आप खुद दूसरों के अंग्रेजी पढ़ाने लग जाओगे।
कहा भी है, “करत-करत अभ्यास के जडमति होत सुजान । रसरी आवत-जात ते सिल पर परत निशान”
तो अब यह वादा करते हुए आपसे विदा लेती हूँ कि आगे की Posts में मैं आपको English Grammer, और Vocabulary के बारे में विस्तार से बताऊँगी।
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Bye-Bye