How To Sidhda Ram Raksha Stotra – कैसे करें राम रक्षा स्तोत्र को सिद्ध
राम रक्षा स्तोत्र राम भक्तों के लिए रामबल से सम्पन्न भगवान शिव का दिया एक वरदान है। ऐसा माना जाता कि स्वयं भगवान शिव ने बुधकौशिक मुनि को स्वप्न में इस स्तोत्र के बारे में बताया था, जिसे सुबह उठ कर मुनि बुधकौशिक जी ने अक्षरशः लिपिबद्ध कर दिया।
वैसे तो नित्य श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना हितकारी हैं, लेकिन चैत्र नवरात्रि के दौरान इसका पाठ करने से शीघ्र फल मिलता हैं। मान्यता है कि इस समय भगवान श्री राम अपनी सभी शक्तियों के साथ मंदिरों के गर्भगृह में मौजूद होते हैं। इसलिए तब इस मंत्र का प्रभाव और भी ज्यादा शक्तिशाली हो जाता हैं।
जो भी मनुष्य पूरी श्रद्धा के साथ इस राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करता है, वह दीर्घायु, पुत्रवान, और सभी तरह के सुख व संपत्तियों से युक्त हो जाता है। उसके आचरण में विनम्रता आती है, वह सभी संकटों से सुरक्षित हो जाता है, और उसे अपने हर कार्य में सफल होता है। इस लोक के सुख भोग कर मोक्ष को प्राप्त होता है।
श्री राम रक्षा स्त्रोत हिन्दी व अंग्रेजी में लिरिक्स व इसका हिन्दी अर्थ जानने के लिए मेरी यह Post पढ़ें – Shri Ram Raksha Stotra
Benefits of Chanting Ramraksha Stotra – रामरक्षा स्तोत्र के जाप के लाभ
राम रक्षा स्तोत्र सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। याह इतना शक्ति शाली है कि इसका पाठ करने से मनुष्य सभी संकटों और बुराइयों से बचा रहता है। यहीं नहीं इस स्तोत्र के जाप से और भी बहुत सारे लाभ होते हैं। आइए उनमें से कुछ के बारे में जानते हैं: –
राम रक्षा स्तोत्र के मंत्र इस तरह से लिपिबद्ध है कि इसके मंत्रों के जाप करने से उच्चारण में सुधार तो आता ही है, आवाज की गुणवत्ता भी सुधर जाती है, कंठ मधुर हो जाता हैं। इसलिए संगीत विद्यालयों में इसका लय के साथ पाठ करवाया जाता है। कई महान गायकों ने भी अपनी आवाज की गुणवत्ता जो सुधारने के लिए भी इस स्तोत्र का पाठ किया जाता है।
राम रक्षा स्तोत्र में कुल 38 श्लोक हैं, जिनमें से कुछ मंत्र सिद्ध है, यदि इन मंत्रों को सिद्ध कर लिया जाये तो इनकी शक्ति से कई तरह की बाधाएं दूर की जा सकती हैं। जैसे इसका 35वाँ मंत्र, इसके जाप से मानसिक शक्ति बढ़ती है, जिससे व्यक्ति बिना डरे हर प्रकार के संकटों का सामना करने में सक्षम हो जाता है।
यह एक ऐसा सिद्ध मंत्रों का स्तोत्र है, जिसके कई मंत्र ऐसे हैं जो शरीर के प्रत्येक अंग पर अपना प्रभाव डालते है। इस स्तोत्र के मंत्रों द्वारा शरीर के सभी अंगों की रक्षा के लिए भगवान श्री राम से प्रार्थना की जाती है।
श्री राम रक्षा स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति के चारों ओर एक चमत्कारी सुरक्षा कवच बन जाता है। जो उसकी हर तरह की बीमारियों और आपदाओं के दुष्परिणामों से रक्षा करता हैं।
नवजात शिशु के स्वस्थ रहने के लिए उसेके गले में काला धागा पहनाया जाता है। यदि इसे बांधते वक्त भी इस स्तोत्र का जाप किया जाये तो शिशु सभी बीमारियों व आपदाओं से सुरक्षित रहता है। उसका स्वास्थ्य उत्तम रहता है और उसके सभी अंगों का विकास सुचारु रूप से होता हैं।
गर्भवती महिलायें को यदि इस स्तोत्र को सुनाया जाये तो इसका स्पंदन (Vibes) गर्भास्थ शिशु पर इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नित्य राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से नव-ग्रहों के कुप्रभावों व दोषों को भी दूर किया जा सकता है। इसके पाठ से कुण्डली में यदि मंगल और शनि का दोष हो तो वह दूर हो जाता है।
राम रक्षा स्तोत्र के नित्य पाठ से व्यक्ति सुखी, संपत्तिवान, दीर्घायु, संतानवान, विजयी और विनयशील हो जाता है।
यह पाठ संस्कृत में लिखा गया है और इसका पाठ यदि संस्कृत में ही किया जाये तो सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है। इसके पवित्र मंत्रों का जाप करने से एक सकारात्मक शक्ति बँटी है जो फैलकर आसपास के वातावरण की सभी नकारात्मक शक्तियों को नष्ट कर देती हैं।
How To Sidhda Ram Raksha Stotra – कैसे करें राम रक्षा स्तोत्र को सिद्ध
राम रक्षा स्तोत्र के नाम से ही यह पता लग जाता है कि इस स्तोत्र भगवान श्री राम का रक्षा के लिए आह्वान किया जाता है।
वैसे तो राम रक्षा स्तोत्र के सभी मंत्र अपने आप में ही सिद्ध और शक्तिशाली हैं, लेकिन यदि इन मंत्रों के द्वारा सरसों, जल आदि को सिद्ध करने से चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलते हैं।
- सरसों के सिद्ध दाने साथ रखने से प्रतियोगिता, परीक्षा तथा नौकरी के इंटरव्यू में सफलता प्राप्त होती हैं।
- सरसों के सिद्ध दाने साथ रखने से लंबे समय से लंबित न्यायालय के मामले भी जल्द सुलझ जाते हैं।
- यात्रा के समय सरसों के सिद्ध दाने साथ रखने से यात्रा सुरक्षित पूर्ण होती हैं।
- यदि कुछ अनिष्ट होने की आशंका हो तो हर समय सरसों के सिद्ध दाने अपने साथ रखें, हर तरह की आपदा से रक्षा होगी।
- राम रक्षा स्तोत्र से सिद्ध जल मंत्रों के कंटकारी प्रभाव से एक औषधि में बदल जाता है। इस मंत्रित जल को किसी बीमार व्यक्ति को पिलाने से उसे आराम मिलता है।
कैसे करें सरसों के दाने सिद्ध
- सरसों के दाने सिद्ध करने के लिए किसी ऊँचे आसन या चौकी पर ऊनी वस्त्र बिछाए और उस पर भगवान श्री राम की तस्वीर या प्रतिमा तथा राम रक्षा यंत्र रखें।
- अब एक कटोरी में थोड़े से सरसों के दाने लेकर उसे उसी आसान पर प्रतिमा और राम रक्षा यंत्र के आगे रखें।
- आप स्वयं भी उस चौकी या आसन के सामने एक आसन बिछा कर बैठ जाएँ।
- अब आप कटोरी में रखे दानों को अपनी उँगलियों से स्पर्श कर घूमाते हुए तथा राम रक्षा यंत्र की और देखते हुए राम रक्षा स्तोत्र का 11 बार पाठ पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
- 11 बार राम रक्षा स्तोत्र का पाठ पूर्ण होने पर ये सरसों के दाने सिद्ध हो जाएंगे। इन्हें अपने पूजा स्थल पर संभाल के रख दें। जब भी आवश्यकता हो तब थोड़े से दानों का प्रयोग करें।
कैसे करें जल को सिद्ध
- जल को सिद्ध करने के लिए किसी ऊँचे आसन या चौकी पर वस्त्र बिछाए और उस पर भगवान श्री राम की तस्वीर या प्रतिमा तथा राम रक्षा यंत्र रखें।
- आप स्वयं भी उस चौकी या आसन के सामने एक आसन बिछा कर बैठ जाएँ।
- अब एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरे तथा इस लोटे को अपने दोनों हाथों से पकड़ लें।
- अब इस जल में देखते हुए राम रक्षा स्तोत्र का 11 बार पाठ पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें और यह महसूस करें कि राम रक्षा स्तोत्र की ऊर्जा उस पानी में समाहित हो रही हैं।
- 11 बार राम रक्षा स्तोत्र का पाठ पूर्ण होने पर लोटे का जल सिद्ध हो जाएंगा। अब इसे किसी काँच की शीशी में भरकर अपने पूजा स्थल पर संभाल कर रख दें।
- किसी भी रोग के रोगी को सुबह शाम थोड़ा-थोड़ा जल पिलाएं। इस सिद्ध और औषधीय जल के प्रयोग से रोगी को रोग में आराम मिलता है।
सरसों के दानों या जल को सिद्ध करते समय यह अवश्य ध्यान रखें कि आप जिस भी मंत्र का उच्चारण कर रहें हैं उसका अर्थ भी आपको ज्ञात हो।
रामरक्षास्त्रोत का पाठ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
श्री राम रक्षा स्त्रोत का जाप करते समय कुछ विशेष बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करते समय आपके मन में भगवान श्री राम की वही छवि होनी चाहिए जिसका कि मंत्र में उल्लेख किया गया है। जैसे: –
यदि आप इस मंत्र का जाप कर रहें हे तो आपके मन में श्रीराम के चरणों की छवि हो और अपने आपको उनके सामने नतमस्तक करते हुए उनकी शरण प्राप्ति के अनुभूति करें।
श्लोक: श्रीरामचन्द्रचरणौ मनसा स्मरामि श्रीरामचन्द्रचरणौ वचसा गृणामि ।
श्रीरामचन्द्रचरणौ शिरसा नमामि श्रीरामचन्द्रचरणौ शरणम् प्रपद्ये ।।२९।।
यदि आप इस मंत्र का जाप कर रहें हो तो आपके मन में इस तरफ की छवि बननी चाहिए कि श्रीराम के दाईं तरफ लक्ष्मण व बाईं तरफ माता सीता जी हैं।
श्लोक : दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य, वामे तु जनकात्मजा ।
पुरतो मारुतिर्यस्य, तं वन्दे रघुनन्दनम् ।।३१।।
Wrepping It Up
मैंने अपनी इस Post में श्री राम रक्षा स्तोत्र करने से होने वाले लाभों व उन लाभों को प्राप्त करने के लिए मंत्रों को सिद्ध कैसे किया जाए इसके बारे में बताया है।
इसके साथ ही श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ कैसे करे इस बारे में भी थोड़ी सी जानकारी दी है। आशा करती हूँ आपको मेरी यह Post अच्छी लगी होगी। तो फिर देर किस बात की जल्दी से मेरी इस Post को अपने दोस्तों, अपने प्रियजनों के साथ Share कर दीजिए।
बस आपका साथ ऐसे ही मिलता रहेगा तो मैं आपके लिए ऐसी ही अद्भुत जानकारियाँ लाती रहूँगी।
“जय श्री राम” “हर-हर महादेव” “जय सियाराम””हर-हर महादेव”
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