शेर और चूहा – sher aur chuha
शिक्षाप्रद लघु कहानियाँ – शेर और चूहा – Sher Aur Chuha – The Lion and The Mouse
शेर और चूहा
सुन्दर वन का राजा शेरसिंह बहुत ही गुस्सैल था। जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे। शेरसिंह की गुफा के पास ही एक बिल में चिंटू चूहा भी अपने माता पिता के साथ रहता था। चिंटू बहुत ही शरारती था, वह सारे दिन अपनी शरारतों से दूसरे जानवरों को परेशान करता रहता था। उसके माता पिता उसे बहुत ही समझाते लेकिन वह अपनी शरारतों से बाज नहीं आता।
चिंटू की मस्ती
एक बार शेरसिंह अपनी गुफा में गहरी नींद में सो रहा था। तभी चिंटू वहां आता है। शेरसिंह को सोता देख कर उसे शरारत सूझती है। वह शेरसिंह के ऊपर चढ़ जाता है। चिंटू शेरसिंह के शरीर पर धमा-चौकड़ी चालू कर देता है।
चिंटू कभी शेरसिंह के कभी मुंह पर तो कभी पेट पर, कभी पूंछ पर तो कभी पैर पर भागा दौड़ी मचाने लगता है। शेरसिंह को गुदगुदी होती है, वह अपने पंजे से चिंटू को हटा देता है। पर चिंटू कहाँ मानने वाला था, वह फिर शेरसिंह के ऊपर चढ़ जाता है और फिर उसकी धमा-चौकड़ी चालू।
शेर सिंह की नींद में खलल
तभी चिंटू शेरसिंह की मूँछ का बाल पकड़ कर खीच लेता हैं। चिंटू की धमा-चौकड़ी व बाल खींचने की वजह से शेरसिंह की नींद खुल जाती है। वह जोर से दहाड़ता है, “कौन है, जिसने मेरी नींद खराब की है”।
चिंटू शेरसिंह के सर पर बैठा होता है शेरसिंह की दहाड़ से डरकर वह फिसल जाता है और फिसल कर शेरसिंह सामने गिर जाता है। अब तो चिंटू की डर के मारे घिग्गी बंध जाती है। वह डर के मारे कांपने लग जाता है।
🦁 शेरसिंह : (दहाड़ते हुए) कौन है, जिसने मेरी नींद खराब होती है। (चिंटू को अपने सामने देखकर) अच्छा, तो तू है, जिसने मेरी नींद खराब की है। अब मैं तुझे कच्चा चबा जाऊंगा।
🐭 चिंटू : नहीं-नहीं शेर महाराज, मुझे मत खाओ, मुझे मत खाओ, मुझे माफ कर दो।
🦁 शेरसिंह : (दहाड़ते हुए) नहीं, तूने मेरी नींद खराब की है मैं तुझे मार डालूँगा।
🐭 चिंटू : नहीं-नहीं शेर महाराज, मुझे मत मारों, मुझसे गलती हो गई, अब मैं कभी ऐसा नहीं करूँगा। मुझे माफ कर दो।
🦁 शेरसिंह : (दहाड़ते हुए) नहीं, तूने मेरी नींद खराब की है मैं तो तुझे मारकर कच्चा ही चबा जाऊंगा।
🐭 चिंटू : नहीं-नहीं शेर महाराज, मुझे मत खाओ, मुझे माफ कर दो। यदि आप मुझे छोड़ दोगे तो मैं आपके काम आऊंगा।
🦁 शेरसिंह : हाँ-हाँ-हाँ, तू पिद्दा सा चूहा, तू मेरे क्या काम आएगा।
🐭 चिंटू : शेर महाराज, फिर भी मुझे माफ कर दो, मैं कभी ऐसी गलती दुबारा नहीं करूँगा। मैं आपकी गुफा की तरफ देखूंगा भी नहीं, बस इस बार मुझे जाने दो।
शेरसिंह की दयालुता
शेरसिंह को चिंटू पर दया आ जाती है और वह चिंटू को छोड़ देता है। चिंटू भाग कर अपने बिल में घुस जाता है। डर के मारे चिंटू कई दिनों तक अपने बिल से बाहर ही नहीं निकलता। इसी तरह कुछ दिन बीत जाते हैं।
फँस गए शेरसिंह
एक दिन जंगल में एक शिकारी आता है। वह एक पेड़ के नीचे अपना जाल बिछा देता है। शेरसिंह शिकार खेलने के लिए जंगल में निकलता है और वह जाल में फंस जाता है। शेरसिंह जाल में से निकलने की बहुत कोशिश करता है लेकिन निकलने की जगह वह उसमे और फंसता जाता है। थक-हार कर शेरसिंह जोर-जोर से दहाड़ता है।
🦁 शेरसिंह : (दहाड़ते हुए) बचाओ, कोई मेरी मदद करो, बचाओ, कोई मेरी मदद करों।
लेकिन सभी जानवर शेरसिंह से डरकर दूर भाग जाते है। उधर चिंटू अपने बिल में शेरसिंह की आवाज सुनता है। वह सोचता है अरे, ये तो शेर महाराज की आवाज है। लेकिन वो इतनी जोर-जोर से क्यों दहाड़ रहे है ?
🦁 शेरसिंह : (दहाड़ते हुए) बचाओ, कोई मेरी मदद करो, बचाओ, कोई तो मेरी मदद करों।
चिंटू की मदद
चिंटू सोचता है, जरूर शेर महाराज किसी मुसीबत में है, मुझे उनकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने एक बार मुझे जीवन दान दिया था, इसलिए अब मेरा भी फर्ज बनता है कि में शेर महाराज की मदद करूं। वह दौड़ कर आवाज की दिशा में जाता है और देखता है कि शेर महाराज जाल में फंसे हुए हैं।
🐭 चिंटू : क्या हुआ, शेर महाराज ?
🦁 शेरसिंह : चिंटू, देख नहीं रहे मैं शिकारी के जाल मैं फँस गया हूँ। बहुत कोशिश करने पर भी निकल नहीं पा रहा हूँ।
🐭 चिंटू : आप चिंता मत करों शेर महाराज, मैं अभी आपकी मदद करता हूँ।
इतना कहकर चिंटू भाग कर जाता है और अपने दोस्तों को बुलाकर लेकर आता है। चिंटू और सारे चूहें मिलकर शिकारी का जाल काट देते हैं। शेरसिंह आजाद हो जाता है।
🦁 शेरसिंह : चिंटू, तुम्हारा और तुम्हारे दोस्तों का बहुत-बहुत धन्यवाद।
🐭 चिंटू : इसमें धन्यवाद की कोई आवश्यकता नहीं शेर महाराज, मैंने आपसे आपकी मदद करने का वादा किया था।
🦁 शेरसिंह : चिंटू, लेकिन तब मैंने तुम्हारा मजाक उड़ाया था। मुझे माफ कर दो। अब से तुम मेरी गुफा में कभी भी आ सकते हो।
इसके बाद से चिंटू शेरसिंह का दोस्त बन जाता है।
सीख
किसी को भी आकार के आधार अपने से कम नहीं समझना चाहिए। जहाँ पर तलवार काम नहीं करती वहां पर सुई काम कर जाती है।
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तो दोस्तों, कैसी लगी शेर और चूहे की कहानी? आशा करती हूँ आप लोगों ने खूब enjoy किया होगा।
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