Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics – आरती कुंज बिहारी की
कुंज बिहारी जी की आरती अधिकतर कृष्ण जन्मोत्सव अर्थात जन्माष्टमी के पर्व पर गाई जाती है। भगवान कृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा में हुआ था।
श्री कृष्ण की बचपन से लेकर मृत्यु तक अनेकों लीलाएं प्रसिद्ध है। उन्होंने अपने मामा कंस समेत कई असुरों का वध किया था। महाभारत के युद्ध में भी उनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण थी।
महाभारत के युद्ध समय ही अर्जुन के सारथी बने भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जो आज के समय में भी मनुष्यों का मार्गदर्शन करता है।
कृष्ण जन्माष्मी के अवसर भक्त अपने घरों तथा मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं की पाकी सजाते हैं तथा उनके बाल रूप का पूजन करते हैं। विधिवत पूजन के बाद पंजीरी का भोग लगाया जाता है और आरती गाई जाती है।
आइए भगवान श्री कृष्ण के रूप सौन्दर्य और लीलाओं का दर्शन करवाती उनकी आरती का मधुर गायन करते हैं: –
आरती कुंज बिहारी की – Aarti Kunj Bihari Ki
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नन्द के आनन्द नन्दलाला।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली,
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ 1 ॥
आरती कुंजबिहारी की…
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ 2 ॥
आरती कुंजबिहारी की…
जहां ते प्रकट भई गंगा,
कलुष कलि मन हारिणि श्री गंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा,
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ 3 ॥
आरती कुंजबिहारी की…
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू,
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन भिखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ 4 ॥
आरती कुंजबिहारी की…
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics In English
Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
Gale Mein Baijanti Mala,
Bajave Murali Madhur Bala।
Shravan Mein Kundal Jhalakala,
Nand Ke Anand Nandlala।
Gagan Sam Ang Kanti Kali,
Radhika Chamak Rahi Aali।
Latan Mein Thadhe Banamali,
Bhramar Si Alak,
Kasturi Tilak,
Chandra Si Jhalak;,
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki॥ 1 ॥
Aarti Kunj Bihari Ki…
Kanakmay Mor Mukut Bilsai
Devata Darsan Ko Tarsai।
Gagan So Suman Raasi Barse ।
Baje Murchang,
Madhur Mridang,
Gwaalin Sang,
Atual Rati Gop Kumaari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki॥ 2 ॥
Aarti Kunj Bihari Ki…
Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga,
Kalush Kali Haarini Shri Ganga।
Smaran Te Hot Moh Bhanga,
Basi Shiv Shish,
Jataa Ke Beech,
Harai Agh Keech,
Charan Chhavi Shri Banvaari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki॥ 3 ॥
Aarti Kunj Bihari Ki…
Chamakati Ujjawal Tat Renu,
Baj Rahi Vrindavan Benu।
Chahu Disi Gopi Gwaal Dhenu,
Hansat Mridu Mand,
Chandani Chandra,
Katat Bhav Phand,
Ter Sun Deen Bhikhaaree Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki॥ 4 ॥
Aarti Kunj Bihari Ki…
Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
आरती कुंज बिहारी की का वीडियो
संगीत सीधे भगवान से जुडने का एक माध्यम है। इसलिए भगवान की आरती को पूरे सुर-ताल से गाया जाना चाहिए। यहाँ पर मैं आपके लिए वीडियो का लिंक दे रही हूँ, जिससे आपको श्री कुंज बिहारी जी की आरती को लय के साथ गाने में सहायता मिलेगी।
- माँ लक्ष्मी जी की आरती – ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
- श्री गणेश जी की आरती – जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
- श्री गणेश जी की मराठी आरती – जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
- श्री गणेश जी का भजन – महाराज गजानंद आवो नी
- श्री गणेश जी का भजन – गाइये गणपति जगवंदन
- भगवान शिव की आरती – ॐ जय शिव ओंकारा
- श्री शंकराची आरती – जय देव जय देव जय श्रीशंकरा
- श्री दुर्गा देवीची आरती – जय देवी जय देवी, जय महिषासुरमथनी
- हनुमान जी की आरती – आरती कीजै हनुमान लला की
- संकटमोचन हनुमान अष्टक – बाल समय रवि भक्षी लियो तब…
- श्री राम स्तुति – श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
- हनुमान चालीसा – जय हनुमान ज्ञान गुन सागर