चतुर टोपी वाला – Chatur Topi Wala
शिक्षाप्रद लघु कहानियाँ – चतुर टोपी वाला – Chatur Topi Wala – The Clever Cap Seller
बंदरों की शरारत
बहुत समय पहले की बात है एक टोपी वाला था। वह बहुत ही सुन्दर रंग-बिरंगी टोपियाँ बनाता और रोज टोपियों की गठरी लेकर शहर में बेचने के लिए जाया करता था।
एक बार वह रोजाना की तरह अपनी सुन्दर-सुन्दर, रंग-बिरंगी टोपियों की गठरी लेकर शहर की तरफ जा रहा था। चलते-चलते उसे थकान महसूस हुई। वह एक पेड़ के नीचे गया, उसने अपनी गठरी को पास में रखा और गहरी नींद में सो गया।
अपनी नींद पूरी होने पर वह जागा तो उसने देखा कि उसकी टोपियों की गठरी खुली हुई थी और उसमें से सारी टोपियाँ गायब थी। कुछ टोपियाँ जमीन पर गिरी हुई थी। उसने आसपास देखा लेकिन उसे कोई दिखाई नहीं दिया।
तभी उसकी नजर ऊपर पेड़ पर पड़ी। उसने देखा कि वहां पर बहुत सारे बंदर थे और सभी बंदरों ने अपने-अपने सर पर टोपी लगा रखी थी।
नकलची बंदर
टोपी वाले ने बंदरों को हुश-हुश! करके डराने की कोशिश की तो बंदर भी उसके ऊपर चिल्लाने लगे। टोपी वाले ने आसपास से पत्थर उठाकर बंदरों पर फेंकें तो बंदर भी उसके ऊपर पेड़ के पत्ते तोड़कर फेंकने लगे।
टोपी वाले ने बंदरों से टोपियाँ लेने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। फिर वह थक हार कर कर पेड़ के नीचे बैठ गया। बंदरों से टोपियाँ वापस कैसे ले ये सोचते-सोचते उसने वह अपना सर खुजलाने लगा तो बन्दर भी अपना सर खुजलाने लगे।
तभी टोपी वाले ने ध्यान दिया कि बंदर भी उसकी नकल कर रहे हैं, जब वह चिल्लाया तो बन्दर भी चिल्लाने लगे, जब उसने पत्थर फेंके तो बंदरों ने भी पत्ते फेंके और जब उसने सर खुजलाया तो बन्दर भी अपना सर खुजलाने लगे।
जैसा-जैसा वह करता है वैसा-वैसा ही बंदर भी कर रहे हैं।
टोपी वाले की चतुराई
उसने एक उपाय सोचा, वह अजीब-अजीब सी हरकतें करने लगा। कभी वह अपना सर पकड़कर बैठ जाता तो कभी अपने शरीर पर खुजली करने लग जाता।
बंदर भी उसे देखकर उसी की तरह व्यवहार करने लगे। इसी बीच टोपी वाले ने अपने सर की टोपी उतार कर नीचे फेंक दी, तो बंदरों ने भी उसकी देखा-देखी अपने-अपने सरों से टोपी उतार कर नीचे फेंक दी। टोपीवाला थोड़ी देर के लिए वहीं पेड़ के नीचे बैठ गया।
उसे वहीं बैठा देख थोड़ी देर में सभी बंदर वहां से चले गए। बंदरों के जाने के बाद टोपीवाला उठा और सभी टोपियां समेट कर अपनी गठरी में डाली और गठरी बांध कर शहर की तरफ चला गया |
सीख
- एक कहानी से हमें एक सीख यह मिलती है कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो हमें बिना घबराएँ समझदारी से काम लेना चाहिए।
- बुद्धिमता से आप किसी से भी अपना काम निकलवा सकते हैं। और दूसरी ये कि नकल में भी अकल की जरूरत होती है।
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पिछली कहानी – अपने बच्चों को स्वावलंबन की शिक्षा देने वाली चिड़िया की कहानी – अपना हाथ जगन्नाथ
तो दोस्तों, “कैसी लगी ये रीत, कहानी के साथ-साथ मिली सीख”? आशा करती हूँ आप लोगों ने खूब enjoy किया होगा।
अगली कहानी – गुस्से से अपना ही नुकसान करवाने वाले गरजी की कहानी – दर्जी और हाथी
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