चिड़िया और बंदर – Chidiya Aur Bandar
पंचतंत्र की कहानियाँ – पहला तंत्र – मित्रभेद – चिड़िया और बंदर – Chidiya Aur Bandar – The Bird and The Monkey
एक समय की बात है सुन्दर वन में एक चिड़े और चिड़ी का जोड़ा रहता था। चिड़िया बहुत ही मेहनती और आज का काम आज ही करने में विश्वास रखती थी। वह कोई भी काम कल पर नहीं छोडती थी तथा दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती।
गर्मियां खत्म होने वाली थी और बरसात का मौसम भी आने वाला था। सभी जानवर बरसात से बचने के लिए अपने रहने व खाने-पीने की व्यवस्था करने में लगे हुए थे। चिड़िया ने भी अपने घोंसले की मरम्मत कर ली और अपने घोंसले में खाने-पीने की व्यवस्था कर ली। अब वह निश्चिंत थी।
गर्मियों का मौसम बीत गया और बारिश का मौसम आ गया। एक दिन जंगल में बहुत जोर से बरसात शुरू हो गई। सभी जानवर अपने-अपने घरों में घुस गए। चिड़ा और चिड़िया भी अपने घोंसले में बैठ कर बारिश का आनंद ले रहे थे।
मेरा उपहास मत करों
तभी कहीं से एक बंदर भीगता और ठिठुरता हुआ उस पेड़ की एक डाल पर आकर बैठ गया। ठंड से उसके दांत किटकिटा रहे थे। उसे देख कर चिड़िया ने कहा,
🐤 चिड़िया – अरे भाई तुम कौन हो? तुम ठंड से ठिठुरते हुए यहाँ क्यों बैठे हो? अपने घर क्यों नहीं चले जाते?
🐒 बंदर – मेरा कोई घर नहीं है। लेकिन तुम्हें उससे क्या, तुम बस चुपचाप बैठी रहो।
लेकिन चिड़िया चुप नहीं हुई बल्कि वह तो बंदर को उपदेश देने लगी।
🐤 चिड़िया – देखने में तो तुम आदमी की तरह दिखाई देते हो। तुम्हारे पास हाथ और पैर भी है। तुम तो आसानी से अपना घर बना सकते हो। तुम अपना घर क्यों नहीं बना लेते। फिर तुम्हें इस तरह से ठिठुरना नहीं पड़ेगा।
🐒 बंदर – अरे दुष्ट चिड़िया, तू मेरा उपहास कर रही है। मुझे तेरी सलाह की कोई आवश्यकता नहीं, इसलिए तू अपना मुँह बंद कर चुपचाप बैठी रह।
चुप रहने का क्या लोगी?
लेकिन चिड़िया ने कहना जारी रखा, वह बोली,
🐤 चिड़िया – समझदारी इसी में होती है कि हम विपदा आने से पहले ही उसका उपाय कर लें जिससे हमें कष्ट ना उठाना पड़े। यदि तुम भी बरसात का मौसम आने से पहले अपना घर बना लेते तो तुम्हें यूँ ठिठुरना नहीं पड़ता। तुम भी हमारी तरह आराम से अपने घर में बैठ कर बरसात का आनंद लेते।
चिड़िया की बात सुनकर बंदर को बहुत क्रोध आ गया और वह यह कहते हुए उस पर झपटा,
🐒 बंदर – तुझे भी सूचिमुखी चिड़िया की तरह बिना मांगे सलाह देने की आदत है। तुझे भी उसी की तरह मार गिराना चाहिए।
बंदर को अपनी ओर झपटता देख चिड़ी और चिड़ा जल्दी से उड़ गए। पर बंदर ने उनके घोंसले को तोड़ कर नीचे गिरा दिया।
चिड़िया और बंदर कहानी का वीडियो – Chidiya Aur Bandar
सीख
- किसी भी ऐरे-गैरे को सलाह नहीं देनी चाहिए।
- बिना मांगे किसी को भी सलाह नहीं देनी चाहिए। बिना मांगे दी गई सलाह का सामने वाले के लिए कोई मूल्य नहीं होता है।
- उपदेशों का लाभ सज्जन और बुद्धिमान व्यक्तियों को ही मिलता है। मूर्ख और दुर्जन व्यक्ति को उपदेश देने से स्वयं को ही हानि उठानी पड़ सकती है।
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पिछली कहानी – सूचिमुखी गौरैया और बंदर
तो दोस्तों, कैसी लगी पंचतंत्र की कहानियों के रोचक संसार में डुबकी। मजा आया ना, तो हो जाइए तैयार लगाने अगली डुबकी, .. .. .. ..
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