चिड़िया और हाथी – Chidiya Aur Hathi
पंचतंत्र की कहानियाँ – पहला तंत्र – मित्रभेद – चिड़िया और हाथी – Chidiya Aur Hathi – The Sparrow And The Elephant
अँगना फूल खिलेंगे
जंगल में एक पेड़ पर एक चिड़े और चिड़िया का जोड़ा रहता था। उसी पेड़ की एक शाखा पर बने घोंसले में चिड़िया ने चार अंडे दे रखे थे। दोनों अपने अंडों को एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ते। दोनों बारी-बारी से अपने अंडों पर बैठ कर उन्हे सेते रहते थे।
दोनों पति-पत्नी बहुत खुश थे, क्योंकि जल्द ही उनका इंतजार खत्म होने वाला था। अंडों में से चूजे निकलने का समय नजदीक आ रहा था। वे बेसब्री से उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब उनके घोंसले में उनके बच्चों की चहचहाहट गूंज उठेगी।
एक दिन चिड़ा खाने की तलाश में बाहर गया हुआ था। चिड़िया अकेली अपने अंडों को से रही थी। तभी उसने देखा एक मतवाला विशालकाय हाथी उसकी तरफ ही बढ़ रहा था।
वह अपने मार्ग मे आने वाले छोटे-छोटे पौधों को को अपने पैरों तले रोंद रहा था और आसपास के बड़े पेड़ों को अपनी सूंड से उखाड़ कर हवा में उछाल रहा था। उसे इस कार्य में बड़ा आनंद आ रहा था।
मेरा संसार उजड़ जाएगा
जब चिड़िया ने देखा कि वह हाथी उसके घोंसले वाले पेड़ के पास पँहुचने ही वाला है, तो एक अनहोनी आशंका से उसका दिल धक से रह गया। एक पल के लिए तो उसे कुछ नहीं सुझा। पर अगले ही पल वह संभली और उड़ते हुए हाथी के पास गई और उससे विनती करने लगी ।
🐥 चिड़िया – गजराज जरा रुकों, पास ही के पेड़ पर मेरा घोंसला है। यदि तुम इसी तरह पेड़ों को तोड़ते हुए चलोगे तो मेरे घोंसले वाला पेड़ भी उखाड़ दोगे। पेड़ उखड़ने से मेरा घोंसला और घोंसले में रखे अंडे टूट जाएंगे।
लेकिन गजराज ने चिड़िया के कथनों पर कोई ध्यान नहीं दिया, वह तो बस अपनी मस्ती में पेड़ों को तोड़ते हुए आगे बढ़ता रहा। उसे आगे बढ़ते देख चिड़िया ने गजराज के ऊपर उड़ते हुए फिर से विनती की।
🐥 चिड़िया – गजराज रहम कीजिए, कृपा करके मेरे घोंसले वाले पेड़ को मत उखाड़िए।
🐘 गजराज – मैं तुम जैसे छोटे पशु-पक्षियों पर ध्यान नहीं देता। मैं बहुत शक्तिशाली हूँ, मुझे अपने रास्ते में आने वाले छोटे पशु-पक्षियों को सताने में बड़ा मजा आता है। ये मेरा प्रिय खेल है। बड़े-बड़े जानवर मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, तुम किस खेत की मूली हो?
इतना कहकर गजराज अपनी मस्ती में चलते हुए चिड़िया के घोंसले वाले पेड़ तक पँहुच गया और अपनी सूंड से उसका तना पकड़ कर उसे उखाड़ने के लिए जोर-जोर से हिलाने लगा।
चिड़िया जोर-जोर से चीं- चीं करके उसके सामने गिड़गिड़ा रही थी। लेकिन गजराज को तो उसे सताने में बड़ा आनंद आ रहा था। उसने पेड़ को उखाड़ने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया।
लेकिन पेड़ की जड़े बहुत मजबूत थी। इसलिए वह उसे उखाड़ नहीं पाया और थक गया।
उजड़ गया संसार
जब गजराज पेड़ नहीं उखाड़ पाया तो उसने अपनी सूँड से घोंसले वाली शाखा को पकड़ लिया और एक ही झटके में उसे तोड़ कर नीचे गिरा दिया और वहाँ से चला गया।
चिड़िया बेचारी चिल्लाती हुई ही रह गई। उसका घोंसला टूट गया और उसके अंडे फूट गए। उसके सामने ही उसका संसार लुट चुका था। वह अपने टूटे हुए आशियाने के पास बैठ कर जोर-जोर से रोने लगी।
तभी चिड़ा भी वहाँ आ गया। वहाँ का नजारा देख कर उसका दिल भी बैठ गया। उसने बड़े दुखी मन से चिड़िया से पूछा,
🐦 चिड़ा – प्रिये, ये सब कैसे हुआ?
चिड़िया ने चिड़े को विस्तार से सारी बात बताई और फिर से रोने लगी।
हम बदला लेंगे
सारी बात जानकार चिड़ा भी बहुत दुखी हुआ। लेकिन उसने चिड़िया को धीरज बँधाते हुए कहा,
🐦 चिड़ा – प्रिये, दुखी मत हो, हम उस हाथी को उसकी करनी का फल अवश्य देंगे।
🐥 चिड़िया – हाथी इतना शक्तिशाली है, हम उसका क्या बिगाड़ लेंगे?
🐦 चिड़ा – जो काम शक्ति से नहीं हो सकता उसे बुद्धि और एकता से किया जा सकता है। यहीं पास में मेरा एक मित्र कठफोड़वा रहता है। हम उससे जाकर मदद मांगते है।
दोनों उड़कर चिड़े के मित्र कठफोड़वे के पास पँहुचे और रोते हुए सारी बात बताई।
🐦 चिड़ा – मित्र, हम हाथी को सबक सिखाना चाहते है। यदि उसे सबक नहीं सिखाया गया तो वह हमारे जैसे कितने ही पशु पक्षियों को सताएगा। यदि तुम हमारे सच्चे मित्र हो तो तुम्हें हमारा साथ देना पड़ेगा।
🐔 कठफोड़वा – मित्र, तुम्हारी बात तो सही है, लेकिन हाथी बहुत शक्तिशाली है। हम तीनों मिलकर भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। हमें इस कार्य के लिए दूसरे जानवरों की भी सहायता लेनी पड़ेगी।
🐦 चिड़ा – लेकिन जंगल में कौन हमारी मदद करने के लिए हाथी जैसे शक्तिशाली जानवर से दुश्मनी मोल लेगा?
🐔 कठफोड़वा – मेरी एक मित्र है मधुमक्खी, उसकी आवाज बड़ी ही सुरीली है। वह हमारी मदद जरूर करेगी।
तीनों मिलकर मधुमक्खी के पास जाकर उसे सारी बात बताकर उससे हाथी से बदला लेने के लिए मदद मागते है। मधुमक्खी उनकी सारी व्यथा सुनते ही उनकी मदद के लिए तैयार हो गई।
🐝 मधुमक्खी – उस दुष्ट हाथी को तो सबक जरूर मिलना चाहिए। लेकिन उसे सबक सिखाने के लिए हमे एक जानवर की और मदद लेनी होगी।
🐔 कठफोड़वा – किसकी?
🐝 मधुमक्खी – यहाँ पास ही नदी में मेरा मित्र मेंढक मेघनाद रहता है। वह बहुत ही बुद्धिमान है। यदि वह भी हमारा साथ देने के लिए तैयार जाए तो हम आसानी से हाथी को सबक सिखा सकते है।
तो मिलाओ हाथ
सभी मिलकर नदी पर जाते है और मेंढक को सारी बात बताते है।
🐸 मेघनाद मेंढक – तुम लोगों का विचार बिल्कुल सही है। दुष्ट और शक्तिशाली जानवरों को उनकी करनी का फल नहीं दिया जाए तो उनकी हिम्मत और बढ़ जाती है। यह देखकर दूसरे दुष्ट जानवरों का भी मनोबल बढ़ता है। जब हम मिलकर हाथी को सबक सिखाएंगे तब दूसरे शक्तिशाली जानवरों को भी संदेश मिलेगा कि कमजोरों को सताने का दंड मिलता है।
🐔 कठफोड़वा – तुम सही कह रहे हो मेघनाद, लेकिन गजराज को सबक कैसे सिखाया जाए?
🐝 मधुमक्खी – गजराज को सबक सिखाने के लिए हमे युक्ति से काम लेना होगा। मित्र मेघनाद तुम तो बहुत बुद्धिमान हो, तुम्हीं कोई योजना बनाओं।
🐸 मेघनाद – (कुछ देर सोचने के बाद) हाथी को मारने के लिए मेरे दिमाग में एक युक्ति आई है। लेकिन उसकी सफलता के लिए हमे मिलजुलकर काम करना होगा।
🐝 मधुमक्खी – तो जल्दी से हमे वह युक्ति बताओं। हम सभी उस दुष्ट हाथी को सबक सिखाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।
मेघनाद उनकों अपनी योजना बताता है। सभी को उसकी योजना बहुत ही पसंद आती है। सब खुशी से एक-दूसरे का हाथ मिलाकर कहते है “कल का दिन हाथी का आखरी दिन होगा।”
एकता की शक्ति
अगले दिन सुबह से ही सब अपनी
योजना के क्रियान्वयन के लिए अपने घर से निकल पड़ते है।
मधुमक्खी हाथी के कान के पास जाकर मधुर स्वर में गुनगुनाने लगती है। उसका मधुर संगीत सुनकर हाथी सबकुछ भूलकर अपनी आँखे बंद करके मस्त होकर नाचने लगता है।
तभी पास के पेड़ पर बैठा कठफोड़वा वहाँ आकार अपने तीखी चोंच हाथी की आँखों में चुभा-चुभा कर उसकी दोनों आँखे फोड़ देता है। हाथी की आँखों से खून टपकने लगता है और वह दर्द से चिंघाड़ उठता है।
दर्द से राहत पाने के के लिए वह पानी की खोज में इधर-उधर भागने लगता है। तभी उसके कानों में मेंढकों के टर्राने की आवाज सुनाई देती है। वह बिना कोई देर किए आवाज की दिशा में दौड़ पड़ता है। मेघनाद अपने साथी मेंढकों के साथ एक दलदल के पास बैठकर टर्रा रहा था।
पानी की आस में हाथी भागता हुआ आता है और दलदल में घुस कर उसमें फँस जाता है । वह चिंघाड़ते हुए दलदल से निकलने का बहुत प्रयास करता है। लेकिन वह निकलने की जितनी कोशिश करता उतना ही दलदल में समाता जाता। थोड़ी ही देर में हाथी दलदल में डूब कर मर जाता है।
हाथी के मरते ही चिड़ा, चिड़िया, कठफोड़वा, मधुमक्खी और मेंढक एकदूसरे का हाथ पकड़कर नाचते है और अपनी खुशी का इजहार करते है।
चिड़िया और हाथी कहानी का वीडियो – Chidiya Aur Hathi
सीख
एकता में शक्ति होती है। एकता और बुद्धिमानी से बड़े से बड़े शत्रु को पछाड़ा जा सकता है। सच ही कहा है एक और एक ग्यारह होते है।
पिछली कहानी – तीन मछलियों की कहानी “दूरदर्शी बनों”
तो दोस्तों, कैसी लगी पंचतंत्र की कहानियों के रोचक संसार में डुबकी। मजा आया ना, तो हो जाइए तैयार लगाने अगली डुबकी, .. .. .. ..
अगली कहानी – मूर्ख शेर और गीदड़ की कुटिल नीति
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