Ganesh Aarti Jai Dev Jai Dev – जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति । गणेश जी की आरती
आज गणेश विसर्जन है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के भक्त उन्हें ढोल-बाजे के साथ अपने घर लाकर उनकी स्थापना करते हैं और दसवें दिन अर्थात अनंत चतुर्दशी के दिन गाजे-बाजे के साथ उनसे अगले साल फिर आने का वादा लेते हुए उनको बहुत ही भारी मन से विदा करते है।
इन दिनों गणेश जी की पूजा के समय एक विशेष आरती गाई जाती है, वैसे तो यह आरती आप जब भी भगवान गणेश जी की पूजा करें गा सकते हैं। लेकिन गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान श्री गणेश की पूजा से समय यह आरती विशेष तौर पर गाई जाती है।
मुंबई, महाराष्ट्र के सिद्धि विनायक मंदिर में तो श्री गणेश जी की इस स्तुति के साथ-साथ भगवान शिव तथा माता दुर्गा की स्तुतियाँ गाई जाती हैं।
मान्यता है इस आरती से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्टों को हर कर उसे मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए आप भी इन दस दिनों की पूजा में गणेश जी की यह आरती जरूर गाएं।
गणेश जी की आरती – “जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति”
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची,
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची,
कंठी झलके माल मुकताफळांची ॥ 1 ॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति,
जय देव जय देव ………
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा,
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ॥ 2 ॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति,
जय देव जय देव ………
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना,
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना,
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे, सुरवर वंदना ॥ 3 ॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति,
जय देव जय देव ………
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को ॥ 4 ॥
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
अष्ट सिद्धि दासी संकट को बैरी,
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी,
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी,
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ॥ 5 ॥
जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे,
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ॥ 6 ॥
जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव
Ganesh Ji Ki Aarti In English- Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti
Sukhkarta Dukhharta Varta Vighnachi,
Nurvi Purvi Prem Krupa Jayachi,
Sarvangi Sundar Uti Shendurachi,
Kanti Jhalke Mal Mukataphalaanchi ॥ 1 ॥
Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti
Darshan Maatre Man: Kaamna Phurti
Jaidev Jaidev ………
Ratnakhachit Phara Tujh Gaurikumra,
Chandanaachi Uti Kumkumkeshara,
Hirejadit Mukut Shobhato Bara,
Runjhunati Nupure Charani Ghagriya ॥ 2 ॥
Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti
Darshan Maatre Man: Kaamna Phurti
Jaidev Jaidev ………
Lambodar Pitaambar Phanivarvandana,
Saral Sond Vakratunda Trinayana,
Das Ramacha Vat Pahe Sadana,
Sankati Pavave Nirvani Rakshave Survarvandana ॥ 3 ॥
Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti
Darshan Maatre Man: Kaamna Phurti
Jaidev Jaidev ………
Shendur Lal Chadhayo Achcha Gajmukh Ko,
Dondil Lal Biraje Sut Gourihar Ko,
Haath Liye Gud Laddu Sai Survar ko,
Mahima Kahe Na Jay Laagat Hun Pad Ko ॥ 4 ॥
Jai Jai Jai Jai Jai,
Jai Jai Ji Ganraj Vidyasukhdata,
Dhany Tumharo Darshan Mera Mat Ramta,
Jaidev Jaidev ………
Asht siddhi Dasi Sankat Ko Bairi,
Vighan Vinashak Manal Murat Adhikari,
Koti Suraj Prakash Aise Chabi Teri,
Gandsthal Madmastak Jhul Shashi Bahari ॥ 5 ॥
Jai Jai Jai Jai Jai,
Jai Jai Ji Ganraj Vidyasukhdata,
Dhany Tumharo Darshan Mera Mat Ramta,
Jaidev Jaidev ………
Bahvbhagat Se Koi Sharnagat Aave,
Santati Sampati Sabahi Bharpur Pave,
Aise Tum Maharaj Moko Ati Bhave,
Gosavinandan Nishidin Gun Gave ॥ 6 ॥
Jai Jai Jai Jai Jai,
Jai Jai Ji Ganraj Vidyasukhdata,
Dhany Tumharo Darshan Mera Mat Ramta,
Jaidev Jaidev ………
- माँ लक्ष्मी जी की आरती – ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
- श्री गणेश जी की आरती – जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
- श्री गणेश जी का भजन – महाराज गजानंद आवो नी
- श्री गणेश जी का भजन – गाइये गणपति जगवंदन
- श्री शंकराची आरती – जय देव जय देव जय श्रीशंकरा
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