Months Name in English & Hindi | महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में
कैसे है आप सभी? ये तो हम सभी जानते है कि एक साल में 365 दिन, व 12 महीने होते है। महीनों के नाम अंग्रेजी में तो लगभग सभी लोग जानते है, लेकिन जब बात हिन्दी पंचाग के अनुसार महीनों के नामों की आती है तो हम बगले झाँकने लग जाते है। कुछ दिनों पहले तक मैं भी इनमें से ही एक थी।
हम में से कई लोगों को महीनों के नाम हिन्दी में नहीं पता होते है। हिन्दू धर्म के सभी त्योहार हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से ही आते है और परिवार में कोई भी खास आयोजन तिथियों के अनुसार ही किया जाता है। कौन-सा त्योहार कौन से महीने में आएगा, ये जानने से पहले हमें हिन्दू कलेंडर के हिसाब से महीनों के नाम भी पता होने चाहिए, और एक भारतीय होने के नाते भी हमें ये पता होने ही चाहिए।
इसके अलावा मेरे नन्हें-मुन्ने दोस्त जो छोटी कक्षाओं में पढ़ते है, उनके लिए तो महीनों के नाम अंग्रेजी और हिन्दी में जानना उनकी पढ़ाई का ही हिस्सा है।
इसलिए आज मैं अपने इस लेख में महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी कलेंडर में बताने के साथ-साथ किस महीने में कितने दिन होते है, ऋतुए कितनी और कौन-कौन सी होती है, साल में कितने सप्ताह होते है, एक सप्ताह में कितने दिन होते है ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब भी लेकर आई हूँ।
वैसे तो सभी धर्मों के अपने-अपने कलेंडर होते ही और उसी के अनुसार महीनों के नाम भी होते है। लेकिन मैं अभी इस लेख में केवल हिन्दू व अंग्रेजी कलेंडर के बारे में ही बताने जा रही हूँ।
यदि आप भी अंग्रेजी और हिन्दू महीनों के नाम हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में जानना के साथ-साथ इनसे जुड़ी कुछ और भी जानना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पूरा जरूर पढ़ें।
Months Name in English & Hindi – (महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में)
अंग्रेजी व हिन्दू दोनों ही कलेंडरों के हिसाब से साल में बारह महीने होते है और प्रत्येक महीने में सामान्य: 30 से 31 दिन होते है। अंग्रेजी कलेंडर में जहाँ तारीखों की गणना पृथ्वी की सूर्य की परिक्रमा से की गणना की जाती है, वहीं हिन्दू पंचाग (कलेंडर) में दिनों की गणना तिथियों पर की जाती है, जो कि चाँद की पृथ्वी और सूर्य की परिक्रमा से तय की जाती है।
Name of Engligh Month in English and Hindi – (अंग्रेजी महीनों के नाम अंग्रेजी और हिन्दी में)
अंग्रेजी कलेंडर समय की गणना पृथ्वी की सूर्य की परिक्रमा के समय से की जाती है। इसके अनुसार एक वर्ष में बारह महीने होते है और हर महीने में 28 से 31 दिन होते है। साल के 7 महीनों में 31 दिन, 4 महीनों में 30 दिन व एक महीने में 28 या 29 (प्रत्येक लीप वर्ष में) दिन होते है। हर चार साल बाद लीप वर्ष आता है।
1 साल में 365 दिन होते है।
1 साल में 52 सप्ताह होते है।
1 माह में 4 पूरे सप्ताह और 2 से 3 दिन होते है।
1 सप्ताह में सात दिन होते है।
1 दिन में 24 घंटे होते है।
1 घंटे में 60 मिनट होते है।
1 मिनट में 60 सेकंड होते है।
1 साल में 6 ऋतुए होती है।
दुनियाँ के अधिकतर देशों में अंग्रेजी कैलेंडर का ही प्रयोग किया जाया है। तो आइए जानते है; अंग्रेजी महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में नीचे दी गई तालिका (Table) के द्वारा:-
Month Name in English | Pronounciation | Short Name | Month Name in Hindi | Number of Days |
---|---|---|---|---|
January | जेन्यूअरी | Jan | जनवरी | 31 |
February | फेब्रुअरी | Feb | फरवरी | 28 /29 |
March | मार्च | Mar | मार्च | 31 |
April | एप्रिल | Apr | अप्रैल | 30 |
May | मे | May | मई | 31 |
June | जून | Jun | जून | 30 |
July | जुलाई | Jul | जुलाई | 31 |
August | ऑगस्ट | Aug | अगस्त | 31 |
September | सेप्टैंबर | Sep | सितम्बर | 30 |
October | ऑक्टूबर | Oct | अक्टूबर | 31 |
November | नॉवेम्बर / नोवेम्बर | Nov | नवम्बर | 30 |
December | डिसेम्बर | Dec | दिसंबर | 31 |
Leep Year – (अधिवर्ष या लीप वर्ष)
आपने दिखा होगा कि फरवरी माह में 28 दिन होते है लेकिन प्रत्येक चौथे साल में फरवरी में 29 दिन होते है। आप में से कई लोगों को इसके बारे में पता होगा और कुछ इस बारे में नहीं जानते होंगे। फरवरी माह के दिन 28 या 29 दिनों में क्यों बदलते रहते है? या फरवरी माह में 28 दिन ही क्यों होते है।
जैसा कि आप सबको पता है कि अंग्रेजी कैलेंडर पृथ्वी के सूर्य के चक्कर लगाने पर आधारित है और पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा लगभग 365 दिन 6 घंटे में पूरा करती है। जबकि एक वर्ष में 365 दिन ही होते है। इस तरह प्रत्येक वर्ष में 6 घंटे अतिरिक्त बच जाते है, जो चार वर्षों में 24 घंटे अर्थात एक दिन हो जाता है, इसे फरवरी माह में जोड़ दिया जाता है। इसे ही अधिवर्ष या लीप वर्ष कहा जाता है।
Why does the month of February have 28 or 29 days? – (फरवरी महीने में ही 28 या 29 दिन क्यों होते है?)
अब आप यह सोच रह होंगे कि इस अतिरिक्त दिन को फरवरी माह में ही क्यों जोड़ा जाता है? फरवरी माह के दिन 28 या 29 दिनों में क्यों बदलते रहते है? या फरवरी माह में 28 दिन ही क्यों होते है।
दरअसल इसके पीछे भी एक किस्सा है। रोमन शासन काल में राज्य के कृषि की तैयारी, त्योहारों के दिन नियत करने के लिए कलेंडर बनाया गया, लेकिन इसे 10 महीनों मार्च से दिसंबर में ही विभाजित किया गया।
लेकिन ऐसा करने पर उनके सामने दिक्कत आने लगी क्योंकि कभी कोई महिना सर्दियों में आता तो कभी गर्मियों में। इससे उनका कृषि का समय व्यवस्थित नहीं हो पाया। इस कारण समय के साथ इसमें बदलाव किया गया और जनवरी और फरवरी दो महीने और जोड़े गए।
फरवरी माह इसमें सबसे अंत में जोड़ा गया था इसलिए साल के बचे हुए 28 दिन इसमें जोड़ दिए गए। इसके साथ ही 4 सालों में बचने वाले एक अतिरिक्त दिन को फरवरी में ही जोड़ा जाने लगा। इस तरह फरवरी माह में 28 या 29 दिन होने लगे।
How were the English months named? – (अंग्रेजी महीनों के नाम कैसे रखे गए?)
किसी भी नाम को रखने के पीछे कोई न कोई इतिहास या किस्सा जरूर होता है। हम भी ऐसे कई नामों से जुड़े रहस्यों को जरूर जानना चाहते है जो हमारे दैनिक जीवन से जुड़े होते है।
क्या आपने मन में भी कभी यह आया है कि अंग्रेजी के इन 12 महीनों के नाम कैसे रखे गए, किसने रखे, क्यों रखा, नाम का क्या मतलब है। यदि हाँ तो आज इस लेख के इस भाग को पूरा जरूर पढिए। इसमें आपको महीने के नामों के नामकरण से संबंधित कुछ जानकारी जरूर मिलेगी।
January – (जनवरी)
जनवरी महीने का नाम आगे व पीछे दो चेहरे वाले रोमन देवता “जेनस” के नाम पर रखा गया है। जिस तरह रोमन देवता ‘जेनस’ के आगे व पीछे दोनों तरफ वाले चेहरों से दोनों तरफ देखते है, उसी तरह जनवरी महिना भी अपने से पहले वाले साल और अपने से आगे वाले साल के महीनों की ओर देखता है।
Fabruary – (फरवरी)
फरवरी महीने का नाम रोम की एक देवी “फेबरुएरिया” (जो संतानोत्पत्ति की देवी मानी जाती है) के नाम से रखा गया है। वहीं की लोगों का यह मानना है कि फरवरी महीने का नाम लेटिन के शब्द फैबरा से प्रेरित है। प्राचीन समय में लोग इस महीने की 15 तारीख को शुद्धि के लिए दावत दिया करते थे।
March – (मार्च)
मार्च महीने का नाम भी रोमन के एक और देवता “मार्स” के नाम पर रखा गया है। रोमन वर्ष का प्रारंभ इसी महीने से होता था। इस महीने में सर्दियाँ समाप्त हो जाती थी, पूरा मौसम साफ हो जाता था।
इसलिए लोग इस माह में अपनी सीमाओं के विकास के लिए शत्रु देश पर आक्रमण किया करते थे। “मार्स” युद्ध के देवता है, इसलिए इस महीने को मार्च नाम से पहचानने लगे क्योंकि मार्स, “मार्टिअस” का अपभ्रंश है, जो आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
April – (अप्रैल)
लैटिन में एक शब्द है, “एस्पेरायर” जिसका अर्थ होता है खुलना, रोम देश में कलियां खिलकर फूल इसी माह में बनती थीं। इसलिए इस महीने का नाम “एप्रिलिस” रखा गया। जो बाद में अप्रैल बोल जाने लगा।
May – (मई)
मई महीने का नाम रोमन देवता मरकरी की माँ ‘मइया’ के नाम पर रखा गया था। लैटिन के शब्द “मेजोरेस” से भी मई नाम की उत्पत्ति मानी जाती है। जाता है। “मेजोरेस” शब्द का अर्थ होता है – “बड़े-बुजुर्ग रईस”।
June – (जून)
इस बारे में कई लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोगों के अनुसार लैटिन शब्द “जेन्स” तो कुछ लोगों के अनुसार रोम के सबसे बड़े देवता “जीयस” की पत्नी “जूनो” के आधार पर जून का नाम रखा गया था।
July – (जुलाई)
रोम के एक बहुत ही प्रसिद्ध राजा “जूलियस सीजर” थे। उनका जन्म एवं मृत्यु दोनों इसी माह में हुई थी। इसलिए उनके सम्मान में इस माह का नाम जुलाई रखा गया।
August – (अगस्त)
जूलियस सीजर के भतीजे “ऑगस्टस सीजर” के नाम पर ये नाम रखा गया है। पहले अगस्त महीने का नाम “सेक्सटिलिस” था। लेकिन ऑगस्टस सीजर ने खुद को अमर बनाने के लिए “सेक्सटिलिस” का नाम बदलकर “ऑगस्टस” रख दिया, जो बाद में ऑगस्ट (अगस्त) हो गया।
September – (सितंबर)
लैटिन सेप्टैंबर का भावार्थ निकाले तो “सेप्टै” शब्द का अर्थ “सात” और “बर” का अर्थ “वां” होता है अर्थात “सातवाँ”।
पहले जब दस महीने ही बनाए गए थे तब सितंबर सातवाँ महीना ही था, इसलिए कलेंडर के सातवें महीने का नाम “सेप्टैंबर” अर्थात सातवाँ रखा गया।
लेकिन बाद में जब अंग्रेजी कलेंडर में जनवरी और फरवरी दो महीने और जोड़े गए तब यह महीना नौवां हो गया। लेकिन इस महीने का नाम यहीं रहने दिया गया।
Otober – (अक्टूबर)
लैटिन में “ऑक्ट” का मतबल “आठ” और “बर” का अर्थ “वां” होता है अर्थात “आठवाँ”। इसलिए कलेंडर के आठवें महीने का नाम “ऑक्टूबर” रखा गया।
जो बाद में जनवरी और फरवरी दो महीने जुडने से दसवाँ महीना हो गया, लेकिन इसका नाम नहीं बदला गया। ।
November – (नवंबर)
लैटिन में “नोवेम्बर” का मतलब होता है “नौवां”, इसलिए अंग्रेजी कलेंडर के नवें महीने का नाम “नोवेम्बर” रखा गया।
जो कि जनवरी और फरवरी दो महीने जुडने के बाद में ग्यारवाँ महीना हो गया, लेकिन इसके नाम में भी कोई फेरबदल नहीं किया गया।
December – (दिसंबर)
लैटिन में “डिसेम्बर” का मतलब होता है “दसवाँ” इसलिए कलेंडर के दसवें महीने का नाम “डिसेम्बर” रखा गया।
जो कि जनवरी और फरवरी दो महीने जुडने के बाद में बारहवाँ महीना हो गया, लेकिन इसके नाम में भी कोई फेरबदल नहीं किया गया।
Name of Hidhi Months according Hindu Calender in English & Hindi – (हिंदू कैलेंडर के अनुसार हिन्दी महीनों के नाम अंग्रेजी और हिदी में)
हिन्दू पंचाग (कैलेंडर) दैनिक और मासिक होता है। दैनिक पंचांग में एक दिन विशेष के बारे में बताया जाता है और मासिक पंचांग में पूरे एक महीने का विवरण होता है।
भारत में प्राचीन काल से ही समय की गणना चाँद की स्थिति से की जाती रही है। चाँद के बढ़ने और घटने की स्थिति के अनुसार हिन्दू कलेंडर में एक महिना दो पक्षों में बंटा हुआ होता है, पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष। दोनों ही पक्षों में ही समान्यत: 15-15 दिन होते है।
आइए इन पक्षों के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेते है:-
Krishn Paksh – (कृष्ण पक्ष)
पूर्णिमा और अमावस्या के बीच में आने वाले दिन कृष्ण पक्ष कहलाते है। पूर्णिमा तिथि के अगले दिन से जब चंद्रमा का आकार घटना शुरू हो जाता है तभी से कृष्ण पक्ष की शुरूआत हो जाती है, जो अगले 15 दिनों तक अमावस्या तिथि के आने तक रहती है। चंद्रमा का आकार घटने से चंद्रमा का प्रकाश कमजोर होने लगता है, जिससे रातें अंधेरी होती जाती है और अमावस्या को पूरा चंद्रमा विलीन हो जाता है।
Shukl Paksh – शुक्ल पक्ष
अमावस्या और पूर्णिमा के बीच में आने वाले दिनों को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। अमावस्या तिथि के अगले दिन से जब चंद्रमा का आकार बढ़ना शुरू हो जाता है, तभी से शुक्ल पक्ष की शुरूआत हो जाती है, जो अगले 15 दिनों तक पूर्णिमा तिथि के आने तक रहती है। चंद्रमा का आकार बढ़ते रहने से रातें चाँदनी (चाँद की रोशनी से चमकदार) होती जाती है और पूर्णिमा की रात को आकाश में रोशनी से भरा हुआ पूरा चाँद दिखाई देता है।
Day | Day in Hindy Figur | Days of Krishn Paksh | कृष्ण पक्ष की तिथियां | Days of Shukl Paksh | शुक्ल पक्ष की तिथियां |
---|---|---|---|---|---|
Day | Day in Hindy Figur | Days of Krishn Paksh | कृष्ण पक्ष की तिथियां | Days of Shukl Paksh | शुक्ल पक्ष की तिथियां |
1 | १ | Pratipada / Ekam | प्रतिपदा / एकम् | Pratipada / Ekam | प्रतिपदा / एकम् |
2 | २ | Dwitiya / Dooj | द्वितीया / दूज | Dwitiya / Dooj | द्वितीया / दूज |
3 | ३ | Trutiya / Teej | तृतीया / तीज | Trutiya / Teej | तृतीया / तीज |
4 | ४ | Chaturthi / Chouth | चतुर्थी / चौथ | Chaturthi / Chouth | चतुर्थी / चौथ |
5 | ५ | Panchmi | पंचमी | Panchmi | पंचमी |
6 | ६ | Sahshthi / Chath | षष्ठी / छठ | Sahshthi / Chath | षष्ठी / छठ |
7 | ७ | Saptami | सप्तमी | Saptami | सप्तमी |
8 | ८ | Ashtami | अष्टमी | Ashtami | अष्टमी |
9 | ९ | Navmi | नवमी | Navmi | नवमी |
10 | १० | Dahshmi | दशमी | Dahshmi | दशमी |
11 | ११ | Ekadashi / Gyaras | एकादशी / ग्यारस | Ekadashi / Gyaras | एकादशी / ग्यारस |
12 | १२ | Dwadashi / Baras | द्वादशी / बारस | Dwadashi / Baras | द्वादशी / बारस |
13 | १३ | Trayodashi / Teras | त्रयोदशी / तेरस | Trayodashi / Teras | त्रयोदशी / तेरस |
14 | १४ | Chaturdashi / Choudas | चतुर्दशी / चौदस | Chaturdashi / Choudas | चतुर्दशी / चौदस |
15 | १५ | Amavasya | अमावस्या | Purnima | पूर्णिमा |
Name of Hidhi Months in English & Hindi – (हिन्दी महीनों के नाम अंग्रेजी और हिन्दी में)
अंग्रेजी कलेंडर के समान ही हिन्दू पंचांग (कलेंडर) में भी 12 माह होते है लेकिन हिन्दू पंचाग में महीनों के दिनों की एक निश्चित संख्या नहीं होती, क्योंकि यह चाँद की कलाओं (आकार) पर आधारित होता है। इसलिए महीनों के दिनों के बारे में निश्चित तौर पर कह पाना मुश्किल है। एक माह में 28 से 32 दिन हो सकते है।
जैसा कि मैंने पहले बताया कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार पहला महीना जनवरी होता है जबकि हिन्दू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चैत्र और जनवरी दोनों महीने एक साथ शुरू होते है।
चैत्र महीना अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल में आता है। इसी तरह हिन्दू पंचांग का हर महिना अंग्रेजी कलेंडर के अलग-अलग महीनों में आता है।
चलिए जानते है हिन्दू पंचांग के अनुसार महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में तथा वे अंग्रेजी महीनों के अनुसार कौन से महीनों में आते है:-
S. No. | Name of Hindu Months in English | Name of Hindu Months in English | Upcoming English Month |
---|---|---|---|
पहला | Chetra | चैत्र | March – April (मार्च-अप्रैल) |
दूसरा | Baisakh | वैशाख | April – May (अप्रैल-मई) |
तीसरा | Jyeshth | ज्येष्ठ | May – June (मई-जून) |
चौथा | Aashadh | आषाढ़ | June – July (जून-जुलाई) |
पाँचवाँ | Shrawan | श्रावण | July – August (जुलाई-अगस्त) |
छठा | Bhadrapad | भाद्रपद | August – September (अगस्त-सितंबर) |
सातवाँ | Ashvin | अश्विन | September – October (सितंबर-अक्टूबर) |
आठवाँ | Kartik | कार्तिक | October – November (अक्टूबर-नवंबर) |
नौवा | Margshirsh | मार्गशीर्ष | November – December (नवंबर दिसंबर) |
दसवाँ | Poush | पौष | December – January (दिसंबर-जनवरी) |
ग्यारहवाँ | Magh | माघ / | January – February (जनवरी-फरवरी) |
बारहवाँ | Falgun | फाल्गुन | February – March (फरवरी-मार्च) |
Adhik Mas – (अधिक मास)
जैसा कि मैंने ऊपर बताया है कि हिन्दू पंचांग चंद्रमा की कलाओं (आकार) पर आधारित होता है। चन्द्रमा भी अपने अक्ष पर घूमते हुए लगभग 27.3 दिनों में पृथ्वी की परिक्रमा करता है और अपने अक्ष के चारों ओर एक पूरा चक्कर भी 27.3 दिन में लगाता है और इस कारण इसका आकार घटता-बढ़ता रहता है।
इस तरह चंद्रमाँ पृथ्वी की परिक्रमा 354 दिन, 8 घंटे 48 मिनट और 36 सेकंड में करता है। इसे चंद्र वर्ष कहते है। इस दौरान यह पृथ्वी की बारह परिक्रमाएँ करता है, जिसके अनुसार हिन्दी पंचांग में बारह मास होते है।
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा एक परिक्रमा 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड में पूरा करती है। इसे सौर वर्ष कहते है। इस तरह चंद्र वर्ष व सौर वर्ष के प्रत्येक वर्ष का अंतर लगभग 10 दिन, 21 घंटे का होता है।
सौर वर्ष और चंद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हिन्दी पंचांग में हर तीसरे वर्ष एक चन्द्रमास की वृद्धि जाती है। इस तरह तीन वर्षों में होने वाले लगभग 30-31 दिनों के अंतर को पूरा कर लिया जाता है। इसी माह को अधिक मास या अधिमास या मलमास कहा जाता हैं।
हिन्दू गणना के अनुसार सौर-वर्ष 365 दिन, 15 घड़ी, 22 पल और 56 विपल और चंद्रवर्ष 354 दिन, 22 घड़ी, 1 पल और 23 विपल का होता है।
Why and how do Amavasya and Purnima happen? – (अमावस्या व पूर्णिमा क्यों व कैसे होती है?)
चन्द्रमा भी अपने अक्ष पर घूमते हुए लगभग 27.3 दिनों में पृथ्वी की परिक्रमा करता है और इसका एक हिस्सा हमेशा पृथ्वी के किसी ना किसी हिस्से की तरफ जरूर रहता है। इस कारण यह पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग आकार में दिखाई देता है और किसी एक भाग में इसका आकार प्रतिदिन बदलता रहता है।
यदि हम भारत की बात करें तो जब चंद्रमा अपने अक्ष पर घूमते हुए भारत की तरफ आने लगता है तो शुक्ल पक्ष की शुरुआत हो जाती है और चंद्रमा का आकार प्रतिदिन बढ़ता जाता है, और जिस दिन यह बिल्कुल बीच या सामने आ जाता है और अपने पूर्ण रूप में दिखाई देता है, उस दिन पूर्णिमा होती है।
इसी तरह जब यह पृथ्वी के दूसरे भाग की तरफ जाने लगता है तब इसका आकार घटने लग जाता है और कृष्ण पक्ष शुरू हो जाता है। लगभग 15 दिनों में जब यह भारत से बिल्कुल विपरीत दिशा में चल जाता है और यहाँ से बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता, तब भारत में अमावस्या होती है।
इसी विधि से पृथ्वी के अन्य भागों में भी पूर्णिमा व अमावस्या होती रहती है।
Name of Hidhi Months in Sanskrit – (हिन्दी महीनों के नाम संस्कृत में)
संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों को महीनों के नाम संस्कृत में भी जानने होते है, तो आइए जानते है, हिन्दी महीनों के नाम संस्कृत में नीचे दी गई तालिका (Table) के द्वारा:-
S. No. | Name of Hindu Months in Hindi | Name of Hindu Months in Sanskrit | Pronounciation |
---|---|---|---|
पहला | चैत्र | चैत्र: | Chetrah |
दूसरा | वैशाख | वैशाख: | Baisakhah |
तीसरा | ज्येष्ठ | ज्येष्ठ: | Jyeshthah |
चौथा | आषाढ़ | आषाढ़: | Aashadhah |
पाँचवाँ | श्रावण | श्रावण: | Shrawanah |
छठा | भाद्रपद | भाद्रपद: | Bhadrapadah |
सातवाँ | अश्विन | आश्विन: | Ashvinah |
आठवाँ | कार्तिक | कार्तिक: | Kartikah |
नौवा | मार्गशीर्ष | मार्गशीर्ष: | Margshirshah |
दसवाँ | पौष | पौष: | Poushah |
ग्यारहवाँ | माघ | माघ: | Maghah |
बारहवाँ | फाल्गुन | फाल्गुन: | Falgunah |
Name of Week Days in English & Hindi – (सप्ताह के दिनों के नाम अंग्रेजी और हिंदी में)
सात दिनों के व्यवस्थित क्रम को सप्ताह या हफ्ता कहा जाता है अर्थात एक सप्ताह में सात दिन होते है। सप्ताह के दिनों के नाम तो लगभग सभी को पता ही होते है। लेकिन क्या आपको पता है, हिन्दू पंचांग में दिनों के नाम ग्रहों के नामों के अनुसार होते है।
हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की संख्या नौ होती है जिन्हें नवग्रह कहा जाता है। नवग्रह में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू और केतु आते है। जिनमें से राहू और केतु छाया ग्रह माने जाते है अर्थात इन ग्रहों को देखा नहीं जा सकता इनकी केवल छाया ही पड़ती है।
माना जाता है कि हर ग्रह का हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है लेकिन राहू और केतु का प्रभाव हमारे जीवन पर छाया के समान ही पड़ता है। इसलिए इन दोनों को छोड़कर बाकी ग्रहों की स्थिति के आधार पर सप्ताह के सात दिनों को निर्धारित किया गया। तो आइए नीचे दी गई तालिका (Table) से जानते है सप्ताह के दिनों के नाम अंग्रेजी और हिन्दी में:-
Name of Week in English | English Pronounciation | Short Name | Hindi Pronounciation | Name of Week in Hindi |
---|---|---|---|---|
Sunday | संडे | Sun | Ravivaar | रविवार |
Monday | मंडे | Mon | Somvaar | सोमवार |
Tuesday | ट्यूस्डे | Tue | Mangalvaar | मंगलवार |
Wednesday | वेनसडे / वेडनस डे | Wed | Budhvaar | बुधवार |
Thursday | थर्सडे | Thu | Guruvaar | गुरुवार / वृहस्पतिवार / वीरवार |
Friday | फ्राइडे | Fri | Shukravaar | शुक्रवार |
Saturday | सेटरडे | Sat | Shanivaar | शनिवार |
यदि आप सप्ताह के दिनों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो यह लेख जरूर पढे – 7 Week Days Name In English & Hindi (सप्ताह के दिनों का नाम)
दिनों व महीनों की जरूरत क्यों पढ़ी?
जब हमें महीनों के नाम याद करने होते है तो हम यह सोच कर उसे कोसने लग जाते है कि पता नहीं किसके दिमाग में कीड़ा कुलबुलाया था, जिसने महीनों और उनके नामों को ईजाद किया और हमारे सिर पर आफत आ गई, इनके नाम याद रखने की। इसकी क्या जरूरत पड़ गई थी।
यदि कलेंडर किसने बनाया, कब से चालू हुआ, यदि इस विषय पर बात करने लगे तो हम अपने विषय से भटक जाएंगे।
लेकिन एक बात आपको बता दूं कि यदि साल, महीने, तरीखे नहीं होती तो हमें समय का ज्ञान ही नहीं होता। कितने दिनों में बारिश आएगी, कब गर्मी पड़ेगी, कब सर्दी और कौन सा त्योहार कब मनाया जाएगा कुछ पता नहीं चलता। इसलिए जिसने भी यह काम किया उसने हमारा भला ही किया है।
अंग्रेजी कलेंडर हो या हिदी पंचाग दोनों ही पृथ्वी की घूर्णन गति या दैनिक गति पर आधारित है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकेंड का समय लेती है। इस समय को पृथ्वी का घूर्णन काल या एक दिन कहा जाता है। यह पृथ्वी की दैनिक गति है। इसी के कारण पृथ्वी पर दिन-रात होते है।
पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड में पूरा करती है। इसे पृथ्वी की वार्षिक गति कहते है।
पृथ्वी की दैनिक व वार्षिक गति की वजह से ही ऋतुए बदलती हैं।
Seasons Name in English and Hindi – (ऋतुओं के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में)
पृथ्वी के द्वारा सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी की स्थिति व सूर्य से दूरी के अनुसार दिन-रात की अवधि, तापमान, वर्षा, आर्द्रता आदि दशाएँ एक निश्चित अंतराल में बदलती रहती है। इसे ही मौसम या ऋतु कहते है। सभी मौसम चक्रीय रूप में निश्चित समय पर एक के बाद एक आते रहते है।
सुलभता के कारण एक वर्ष को मौसम के अनुसार अलग-अलग भागों में विभाजित करके उस कालखंड को एक नाम दे दिया गया है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार एक वर्ष में तीन प्रकार के मौसम (ऋतुएँ) होते हैं; गर्मी (Summer), सर्दी (Winter) और बरसात (Rainy seasons)।
लेकिन भारत में ऋतुएँ छः प्रकार की होती हैं, बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद्, हेमंत और शिशिर। इसीलिए भारत को ऋतुओं का देश भी कहा जाता है।
गर्मी, सर्दी और बरसात इन तीन ऋतुओं के बारे में तो लगभग सभी को पता होगा। लेकिन इन तीनों के बीच में तीन ऋतुएँ और भी आती है, जिनके बारे में कई लोग नहीं जानते है। प्रत्येक ऋतु का एक अलग ही आनंद और उत्साह होता है।
तो आइए जानते है सभी छः ऋतुओं के नाम अंग्रेजी और हिन्दी में और वे अंग्रेजी व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कौन-कौन से महीनों मे आती है:-
S. No. | Seasons Name in English | Seasons Name in English | Related Hindu Months | Related English Months |
---|---|---|---|---|
1 | Spring Seasons | बसंत ऋतु | चैत्र से वैशाख | मार्च से अप्रैल |
2 | Summer Seasons | ग्रीष्म ऋतु | ज्येष्ठ से आषाढ | मई से जून |
3 | Rainy Seasons | वर्षा ऋतु | श्रावन से भाद्रपद | जुलाई से सितंबर |
4 | Autumn Seasons | शरद् ऋतु | आश्विन से कार्तिक | अक्टूबर से नवंबर |
5 | Pre-Winter Seasons | हेमंत ऋतु | मार्गशीर्ष से पौष | दिसंबर से नवरी |
6 | Winter Seasons | शिशिर / शीत ऋतु | माघ से फाल्गुन | जनवरी से फरवरी |
बसंत ऋतु
बसंत ऋतु एक ऐसा मौसम है जिसमें जिसमें न ज्यादा गर्मी पड़ती है और न ही ज्यादा सर्दी। इस ऋतु में मौसम बहुत ही सुहावना होता है। वृक्षों पर कलियों और फूलों की बहार आ जाती है। इसीलिए इसे मीठा मौसम और ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है।
ग्रीष्म ऋतु
इस मौसम में सूर्य उत्तरायण होता है जिससे दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं। पृथ्वी की सूर्य से दूरी भी कम हो जाती है, इस कारण मौसम बहुत गर्म हो जाता है।
वर्षा ऋतु
वर्षा ऋतु बरसात का मौसम है। इस मौसम में बारिश होती है और खेतों और खलिहानों को एक नई जिंदगी मिलती है। इसी मौसम के कारण धरती पर पीने का पानी सुलभ हो पाता है। वर्षा ऋतु में बहुत उमस होती है, लेकिन बरसात होने के बाद मौसम सुहावना हो जाता है।
शरद ऋतु
शरद ऋतु में भी बसंत ऋतु की तरह ही गर्मी थोड़ी कम हो जाती है। खेतों में फसलों की कटाई शुरू हो जाती है। हिंदू पंचाग के अनुसार शरद ऋतु अश्विन और कार्तिक में आती है।
हेमंत ऋतु
हेमंत ऋतु में रातें बड़ी और दिन छोटे हो जाते हैं क्योंकि सूर्य दक्षिणायन हो जाते है और पृथ्वी सूर्य से दूर हो जाती है। सर्दी बढ़ जाती है। इस ऋतु में खान-पान अच्छा होने के कारण शरीर स्वस्थ रहता है।
शिशिर ऋतु
शिशिर ऋतु में सर्दी अपने अंतिम चरण में होती है, वृक्षों पर से पत्ते झड़ने लगते हैं। एक तरह से यह कहा जा सकता है कि प्रकृति पर बुढ़ापा आ जाता है।
यदि आप इन सभी ऋतुओं के बारे में और जानकारी प्राप्त करना चाहते है, जैसे इनमें मौसम कैसा रहता है, कौन-कौन से त्योहार आते है तो मेरा यह लेख जरूर पढ़े – 6 Seasons Name in English and Hindi – (ऋतुओं के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में)
मैंने आपको इस लेख में महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में बताने के साथ-साथ और भी थोड़ी बहुत जानकारी दी है। हालाँकि आजकल बाजार में कई तरह के कैलेंडर मिल जाते है, जिनके माध्यम से हम महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में, सारी तिथियां, व तारीखे देख सकते है। फिर भी उम्मीद करती हूँ कि आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी, तो फिर देर किस बात की मेरी इस पोस्ट को Like और Share कीजिए।
बाय-बाय!
यदि आप कुछ मजेदार और ज्ञानवर्धक जानकारी जानना चाहते है तो मेरे इन लेखों को अवश्य पढ़ें: –
- सप्ताह के दिनों का नाम
- सब्जियों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में
- महीनों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में
- ऋतुओं के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में
- रंगों के नाम अंग्रेजी व हिन्दी में
- 1 से 100 तक हिंदी गिनती
- 101 से 200 तक हिंदी में गिनती
FAQ
1 वर्ष/साल में कितने दिन होते हैं?
1 वर्ष/साल में कुल 365 दिन होते हैं।
1 वर्ष में 31 दिनों वाले महीने कितने होते हैं?
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 वर्ष में 31 दिनों वाले महीनों की संख्या सात होती है; जनवरी (January), मार्च (March), मई (May), जुलाई (July), अगस्त (August), अक्टूबर (October) और दिसंबर (December)
30 दिनों वाले महीने कितने होते हैं?
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 वर्ष में 30 दिनों वाले महीने चार होते हैं, अप्रैल (April), जून (June), सितंबर (September), और नवंबर (November)
लीप वर्ष कौन-सा होता है?
पृथ्वी की सूर्य की परिक्रमा के समय और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार एक वर्ष में 6 घंटे का अंतर होता है, जिस कारण हर चौथे वर्ष फरवरी माह में एक दिन बढ़ा दिया जाता है इसे ही लीप वर्ष कहते है। यह जाने के लिए कि लीप वर्ष कौन-सा होगा इसके लिए किसी भी सन् में 4 का भाग दें, जिस सन् में 4 का पूरा-पूरा भाग चला जाए वहीं लीप वर्ष होगा।
1 साल कितने सप्ताह का होता हैं?
1 साल में 52 सप्ताह होते है और एक सप्ताह में सात दिन होते है। इसके हिसाब से हुए 52*7=364 दिन; 365 में से एक दिन कम। इसलिए यह कहा जा सकता है कि एक साल में 52 सप्ताह और एक दिन होते हैं।
1 वर्ष में कितने घंटे और मिनट होते हैं?
1 दिन में 24 घंटे होते है इस तरह 1 वर्ष में हुए 365*24=8,760 घंटे और 5,25,600 मिनट होते हैं।
भारत में साल का सबसे छोटा दिन कौन सा है?
भारत में साल का सबसे छोटा दिन सामान्यत: 22 दिसंबर होता है, क्योकि इस दिन सूर्य की किरणें पृथ्वी पर बहुत कम समय के लिए रहती है। इस दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है। 22 दिसंबर को दिन की अवधि लगभग 8-10 घंटे और रात की अवधि लगभग 14-16 घंटे की होती है।
साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा है?
भारत में साल का सबसे छोटा दिन सामान्यत: 21 जून होता है, क्योकि इस दिन सूर्य की किरणें पृथ्वी पर ज्यादा समय के लिए रहती है। इस दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होती है। 21 जून को दिन की अवधि लगभग 14-16 घंटे और रात की अवधि लगभग 8-10 घंटे की होती है।
भारत में दिन और रात कब एक बराबर होते हैं?
भूमध्य रेखा को पृथ्वी का मध्य माना जाता है। जब सूर्य भूमध्य रेखा के एकदम सीध में होता है तब इसके दोनों गोलार्धों में सूर्य का प्रकाश बराबर-बराबर समय के लिए इसलिए इस दिन और रात बराबर-बराबर अर्थात 12-12 घंटे के होते हैं। यह स्थिति लगभग 21 मार्च को होती है। इस दिन भारत में नहीं पुर विश्व में दिन और रात बराबर-बराबर होते है।
चंद्र वर्ष किसे कहते है?
इस तरह चंद्रमाँ पृथ्वी की परिक्रमा 354 दिन, 8 घंटे 48 मिनट और 36 सेकंड में करता है। इसे चंद्र वर्ष कहते है। इस दौरान यह पृथ्वी की बारह परिक्रमाएँ करता है।
सौर वर्ष किसे कहते है?
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा एक परिक्रमा 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड में पूरा करती है। इसे सौर वर्ष कहते है।
पृथ्वी की दैनिक गति क्या होती है?
पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकेंड का समय लेती है। इस समय को पृथ्वी का घूर्णन काल या एक दिन कहा जाता है। यह पृथ्वी की दैनिक गति है।
पृथ्वी पर दिन और रात क्यों होते है?
पृथ्वी के अपने अक्ष पर घुमते हुए सूर्य की परिक्रमा करने के कारण पृथ्वी पर दिन और रात होते है। पृथ्वी का जो हिस्सा सूर्य की तरफ होता है वहाँ दिन व जो हिस्सा दूसरी तरफ होता है वहाँ रात होती है।